फिर तो जांच तेज कर दी गई

उस घड़ी में इंटरनेट काम कर रहा था और स्टूडेंट उसका यूज क्वेश्चन सॉल्व करने में कर रहा था। यही नहीं, जब पहला मामला सेंटर में उजागर हुआ तो उसके साथ ही जांच तेज कर दी गई। मुकेश के साथ-साथ और भी मुन्ना भाई थे, जिसने एग्जाम को पास करने के लिए शॉट कट अपनाया था।

फिंगर प्रिंट की पूरी फिल्म थी जेब में

यही नहीं, एएन कॉलेज में तीन ऐसे और मुन्ना भाई की गिरफ्तारी हुई, जिसने सबको हैरत में डाल दिया। एक के जेब से तो फिंगर प्रिंट की पूरी फिल्म ही बरामद हुई। मुन्नाभाई उसमें से एक को अपने अंगूठे में साटकर जिसके बदले बैठा था, सेम अंगूठा लगा दिया। इस प्रिंट के बारे में पुलिस छानबीन में जुटी हुई है। कृष्ण मुरारी, आशुतोष कुमार और विकास कुमार ऐसे मुन्नाभाई थे जो दूसरों के बदले बैठकर इस एग्जाम को पूरा करने में लगे हुए थे।

कई गिरोह इसको लेकर कर रहा है काम

सोर्सेज की मानें, तो एग्जाम में फर्जीवाड़ा को अंजाम देने के लिए स्टेट में कई गैंग काम कर रहा है, जिसका काम एग्जाम की चोरी में यूज होने वाली चीजों का इजाद करना होता है। वो हर एग्जाम में चोरी के विभिन्न तरीकों को खोजता है, जिसके लिए ऐसे लोगों की टीम भी लगी हुई है, जो आसानी से आंखों में धूल डालकर चोरी की घटना को अंजाम देता है। फिलहाल चारों मुन्नाभाई के खिलाफ एसकेपुरी थाना में मामला दर्ज करवाया गया है। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ चल रही है।

SSC के असम राइफल्स के लिए हुआ entrance exam

संडे यानी एग्जामिनेशन डे। भले हर कोई संडे के दिन मस्ती और हॉलीडे के मूड में हो, लेकिन हजारों संख्या में स्टूडेंट्स यह संडे एग्जाम वाला रहा। एक साथ कई डिपार्टमेंट के एग्जाम इसी दिन थे। जहां एसएससी की ओर से सीआरपीएफ का एग्जाम लिया गया वहीं असम राइफल्स का भी एंट्रेंस कई सेंटर पर लिया गया।

General studies ने खूब घुमाया

एसएससी की ओर से सीआरपीएफ के पीटी के लिए पूरे बिहार में 17 सेंटर बनाए गए थे। इसमें 100 माक्र्स के आब्जेक्टिव क्वेश्चन पूछे गए थे। इसमें 25 माक्र्स का जेनरल स्टडी, 25 माक्र्स के मैथ्स, 25 माक्र्स के रीजनिंग और 25 माक्र्स का लैंग्वेज पेपर था। कई एग्जामिनीज का कहना था कि जेनरल स्टडीज के क्वेश्चन टफ थे।