PATNA: नौबतपुर में 3 मई को उमाशंकर सिंह के मर्डर में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस घटना की साजिश बेउर जेल से रची गई थी। जेल में बंद कुख्यात रुपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी। घटना को अंजाम देने के लिए उसने अपने साले कुंदन के माध्यम से सुपारी किलर्स से 4 लाख रुपए में डील की 3 लाख एडवांस देकर उमाशंकर सिंह का मर्डर करा दिया।

ऐसे की गई थी हत्या

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि हत्या की डील होने के बाद एक बाइक पर शूटर शत्रुघ्न उर्फ जटहा और दूसरी बाइक पर आरा से आया हुआ उसका जीजा व दीपक देशी कट्टा लेकर रुपेश के घर आए। लाइनर ने लोकेशन दिया इसके बाद टेगरैला पुल के पास उमाशंकर सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई।

-रुपेश नहीं चाहता था कि उमाशंकर गवाही दे

वर्ष 2017 में अपराधियों ने उमाशंकर सिंह के बेटे धीरज की हत्या कर दी थी। जानीपुर थाना एरिया में हुई घटना के बाद बेटे की हत्या के मामले में उमाशंकर सिंह इकालौते गवाह थे। धीरज मर्डर में ही रुपेश जेल में बंद है। रुपेश नहीं चाहता था कि उमाशंकर सिंह गवाही दे। इसलिए उसने गवाही से रोकने के लिए ही उमाशंकर सिंह को सुपारी देकर मौत के घाट उतरवा दिया। इस घटना में पुलिस ने पहले ही पिंटू, अजय कुमार, रमाकांत शर्मा, रजीनश और जट्टू कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन पुलिस की गिरफत से जेल में बंद रुपेश का साथी राहुल कुमार फरार चल रहा था। वह अपराधियों की पूरी मदद कर रहा था। उमाशंकर की हत्या के कुछ दिनों पहले ही राहुल जेल से छूटकर बाहर आया था। एसएसपी मनु महाराज के आदेश पर नौबतपुर थाने की पुलिस टीम इसकी तलाश में जुटी हुई थी। जैसे ही रामपुर में सूर्य मंदिर के पास राहुल के होने की सूचना मिली, वैसे ही पहुंचकर पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। पुलिस की पूछताछ में राहुल ने घटना का पूरा खुलासा किया।