लूटकांड में किसी प्रकार की इंस्योरेंस नहीं होता

पटना में 980 ब्रांच की सुरक्षा में अप्रशिक्षित गार्ड ज्यादा

PATNA : बैंकों में आपका पैसा कितना सुरक्षित है यह सवाल सिर्फ बैंक जैसे संस्थान तक सीमित नहीं है। इसमें बैंक के साथ-साथ उससे सहयोगी संस्थाएं भी जिमेवार होते हैं। तकनीकी कुशलता के साथ साथ आरबीआई के कैश ट्रांजैक्शन का प्रावधान अनिवार्य है। बावजूद इसके कई ऐसे मौके होते हैं जिसमें बैंक भी कुछ नहीं कर पाते हैं। लूट की घटना और पुलिस को समय पर जानकारी न होने से कई बार बात बिगड़ जाती है। साथ ही कई बार ग्राहक से लूट, छिनतई की घटना बैंक परिसर के पास से हो जाती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसके पहलूओं की पड़ताल की।

नहीं होता इंस्योरेंस

यदि कहीं बैंक लूट की घटना होती है तो ऐसी स्थिति में बैंक को नुकसान होता है। बैंक सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार ऐसे मामलों को लेकर इंस्योरेंस आदि का सर्पोट नहीं होता है। लूट आदि की घटनाओं में बैंक को नुकसान सहना पड़ता है।

बैंक का ज्यादा रेस्पांश नहीं

जहां एक ओर बैंक ब्रांच में कैश नोट को लाने- ले जाने का काम सिक्योरिटी कंपनी के द्वारा किया जाता है वहीं, बैंक सिक्योरिटी के मामले पर ध्यान नहीं देती। प्राइवेट कैश में सिक्योरिटी गार्ड होती है लेकिन यदि कैश लूट आदि होती है तो इसमे बैंक अपनी असमर्थता जताने लगते है।

जीपीएस से वैन ट्रैकिंग

कैश वैन की ट्रैकिंग के लिए साी वैन में जीपीएस इंस्टॉल रहता है। इससे बैंक के संबंधित अधिकारी उस वैन के सही रनिंग लोकेशन का पता कर सकते हैं। यदि कहीं कोई अनहोनी होती है तो अधिकारियों को संबंधित एरिया के थाने को त्वरित रूप से सूचना देने का निर्देश रहता है।

प्रशिक्षण से सेटी सिक्योर

बैंक में ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा ब्रांच के गार्ड के जिम्मे होती है, जब तक वे बैंक परिसर में होते हैं। लेकिन इसमें समय के साथ अपडेशन और एडवांस इक्यूपमेंट की जरूरत है। बैंक कर्मचारी नेता संजय तिवारी ने बताया कि बैंक कर्मचारियों को समय- समय पर प्रशिक्षण के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट की वेलफेयर स्कीम से सहयोग मिलता है। इसलिए प्रशिक्षण की कमी कोई इश्यू नहीं है।

ध्यान देने योग्य बातें

हर ब्रांच में एक्स आर्मी मैन ही बहाल होने चाहिए, जबकि प्राइवेट गार्ड ाी बैंक राते हैं।

बैंक को ससमय कैश सिक्योरिटी को लेकर जानकारी देनी चाहिए जबकि कुछ मामलों में चूक होती है।

बैक खाताधारी को कभी भी अनजान आदमी की मदद लेते वक्त अलर्ट होना चाहिए जबकि खाताधारी कई बार ठगे जाते हैं।

लॉकर से चोरी के मामले में बैंक अधिकारी रेस्पांश नहीं लेतें।

समय के साथ आधुनिक हथियार से लैश होना चाहिए गार्ड को। लेकिन अधिकांश के पास पुरानी बंदूके ही हैं।

हमारे थाना एरिया में कुल 20 बैंक हैं और थाना के द्वारा नियमित रूप से जांच की जाती है। बैंक जब ाी सुरक्षा की मांग करते हैं थाना पूरा सहयोग करता है।

राम शंकर सिंह, थाना इनचार्ज , कोतवाली

बैंक में घटना, दुर्घटनाएं होती रहती है और यह बैंक का लॉस है। बैंकों की सिक्योरिटी को लेकर समय-समय पर वर्कशॉप आदि कराया जाता है।

संजय तिवारी, नेता बैंक कर्मचारी