-बिहार के 22 विभागों, तीन जिलों और दस लोक उपक्रमों में फाइल टै्रकिंग सिस्टम शुरू

PATNA: अब सरकारी बाबू फाइलों के लिए नहीं दौड़ा पाएंगे। सरकारी दफ्तरों में काम कराने के लिए बाबू फाइल नहीं मिलने का बहाना बनाकर लोगों को दौड़ाते-दौड़ाते परेशानी कर देते हैं। इससे जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है। अब एक क्लिक करते ही कोई भी संबंधित अधिकारी फाइलों की जानकारी हासिल कर लेगा। इसके लिए सरकार सभी विभागों में ई-ऑफिस परियोजना शुरू करने जा रही है। ई-ऑफिस का उद्देश्य परियोजनाओं में पारदर्शिता और तेजी लाना है। सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने ई-समीक्षा प्रणाली लागू करने के लिए भी सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है। इस सॉफ्टवेयर से फाइलों को ट्रैक किया जा सकेगा। कुछ विभागों में फाइल ट्रैकिंग का काम प्रयोग के तौर पर शुरू भी हो गया है।

कार्य प्रणाली होगी चुस्त-दुरुस्त

सरकार का प्रयास है कि फाइलों का निपटारा एक समय सीमा के अंदर हो और विभागों की कार्य प्रणाली और चुस्त-दुरुस्त रहे। फाइल ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर के जरिए अधिकारी अपने लैपटॉप या डेस्क टॉप में सिर्फ आइडी से लॉग-इन कर यह जान सकेंगे कि उन्होंने जिस फाइल का निष्पादन किया है वह फाइल कब ऊपर के अधिकारी ने नीचे भेजी और नीचे फाइल कहां दबी हुई है। प्रयोग के तौर पर 22 विभाग, तीन जिलों और करीब दस लोक उपक्रमों में इस पद्धति से फाइल टै्रकिंग की जा रही है।

गलती की तो पकड़े जाएंगे

सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि मुख्यमंत्री सचिवालय, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ ही विभागाध्यक्षों द्वारा जो निर्देश दिए गए, उसका अनुपालन हुआ या नहीं। हर चरण में आदेश का अनुपालन होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी को सॉफ्वेयर में जानकारी देनी होगी कि उन्होंने अपना कार्य समाप्त कर लिया है। साथ ही 'सकलैन' परियोजना के जरिए विभिन्न विभागों को वाइ-फाइ की सेवा भी मुहैया कराई गई है।