-अनुदानित बीज में गड़बड़ी से किसानों में हड़कम्प

क्चङ्गन्क्त्र/क्कन्ञ्जहृन्: इस बार बिहार में किसानों के साथ मौसम नहीं फसल धोखा दे रहा है। बेगूसराय और खगडि़या में मक्के की बाली में दाना नहीं होने के बाद अब बक्सर के चौगाईं प्रखंड क्षेत्र में अनुदानित गेहूं बीज बोने से किसान परेशान हैं। गेहूं के बाली में दाना नहीं आने से किसानों ने की शिकायत पर जिला कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में कृषि वैज्ञानिकों ने बुधवार को गेहूं फसल देखते खेत पहुंचे। जांच में पाया गया कि कुछ खास बीज में हुई मिलावट की वजह से गेहूं के फसल में दाने नहीं फूटे। किसान इस उम्मीद में थे कि अगले दो-तीन वर्ष तक बुआई के लिए गेहूं बीज नहीं खरीदना पड़ेगा। लेकिन, नकली बीज की चक्कर में फंसे किसान अब परेशान हैं। बेहतर उत्पादन का लालच दिखाकर किसानों को कटरिया 343 नंबर गेहूं का बीज 1200 रुपए प्रति 40 किलो के हिसाब से दिया गया था। उस समय किसानों को विभाग द्वारा दो-तीन महीने 600 रुपए प्रति पैकेट अनुदान मिलने की बात कही गई थी। खेतों में ज्यादातर नकली बीज (लमेरा) उग आए हैं। किसान धर्मदेव पांडेय और कपिलमुनी पांडेय ने बताया कि इस स्थिति में किसान अब अगले साल के लिए खेतों में उत्पादित गेहूं का बीज नहीं रख सकते हैं।

बीज एजेंसी को बुलाने का निर्देश

जांच करनें पहुंचे जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह और कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ मन्धाता सिंह ने ठोरी पांडेयपुर गांव में कई किसानों के खेतों में फसल की जांच की। कृषि पदाधिकारी ने बताया कि गेहूं की फसलों में कुछ हिस्सों का ग्रोथ बढ़ा है। फिलहाल, इस मामले में कृषि वैज्ञानिकों की टीम को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है। साथ ही बीज सप्लायर को बीज उपलब्ध कराने वाली एजेंसी को तत्काल बुलाने का निर्देश दिया गया है।

जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद किसानों के हित में संबंधित बीज बिक्रेताओं और सप्लाई करने वाले ऐजेंसी पर कारवाई की जाएगी। किसानों के साथ धोखाधड़ी बर्दास्त नहीं की जाएगी।

-रणवीर सिंह, कृषि अधिकारी, बक्सर