पटना (ब्यूरो)। बीते दिनों आग की चपेट में आए विश्वेश्वैरया भवन में मंगलवार से वैसे तो कामकाज तो शुरू
हो गया, लेकिन फिलहाल यहां कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था नहीं हो पाई है। कर्मचारी जरूरी फाइलें या दस्तावेज लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इस सचिवालय में सुचारू तरीके से काम प्रारंभ होने में कम से कम आठ से 10 दिन का समय लग सकता है।

काम तेजी से चल रहा
भवन निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस भवन में अभी साफ-सफाई के साथ बिजली वायङ्क्षरग का काम तेजी से चल रहा है। कर्मचारी अपना कार्यालय देख सकते हैं, लेकिन इनके बैठने की अब तक व्यवस्था नहीं हो पाई है। पांचवीं और छठी मंजिल से अब भी मलबा हटाया जा रहा है।

व्यवस्था बहाल की कोशिश जारी
विभाग के इंजीनियर प्रत्येक मंजिल और प्रत्येक कमरे में जाकर बिजली वायङ्क्षरग की स्थिति का मुआयना करने में जुटे हैं। पूरे भवन की वायरिंग ठीक करने और अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही भवन में कर्मियों के बैठने और कामकाज की अनुमति होगी। फिलहाल 20 मई तक हर हाल में सभी व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की जा रही है।

ग्रामीण कार्य विभाग को ज्यादा नुकसान
विश्वेश्वरैया भवन में 13 मई को आइआइटी पटना के विशेषज्ञों ने जांच की थी। टीम ने चौथी मंजिल तक भवन को सुरक्षित बताया था। पांचवी-छठी मंजिल से नमूने लेकर टीम गई है। यहां एक बार फिर जांच संभावित है। इस भवन में लगी आग ने सबसे अधिक नुकसान ग्रामीण कार्य विभाग को पहुंचाया है। इस विभाग के कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रूप से बैठने की व्यवस्था की गई है। विभाग को नेहरू पथ स्थित आफिसर्स हास्टल के ब्लाक-ए में 15 फ्लैट आवंटित किए गए हैं। ये फ्लैट ए-102, ए-106, ए-107, ए-110, ए-205, ए-206, ए-209, ए-301, ए-302, ए-308, ए-309, ए-312, ए-401, ए-402, ए-403 हैं।