-लापरवाही पड़ रही भारी, सैटरडे को पटना में मिले 80 पॉजिटिव, एक्टिव केस की संख्या हुई 468

PATNA: बिहार में पटना कोरोना का हब बनता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार सैटरडे को यहां 80 नए एक्टिव केस मिले। साथ ही पटना में कोरोना एक्टिव केसेज की कुल संख्या 468 हो गई है। साथ ही एनएमसीएच में सैटरडे को फिर दो नए पॉजिटिव केस मिले। इसमें एक पीजी का छात्र है जबकि दूसरा पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में ट्यूटर हैं। पीजी का छात्र पटना के भूतनाथ रोड में रहता है। एनएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

दो डोज के बाद भी कोरोना

एक बार फिर से हैरान करने वाली बात सामने आ रही है कि पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में जिस ट्यूटर की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वह वैक्सीन की दो डोज ले चुके हैं। इससे पहले भी यहां एक महिला डॉक्टर वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद भी कोरोना संक्रमित हो गई थी। वहीं, पटना सिटी स्थित गुरू गोविंद सिंह हॉस्पिटल 180 सैंपल्स की जांच रैपिड एंटीजन किट पर की गई। इसमें दो कोरोना संक्रमित मिले हैं।

लापरवाही से हो रहे संक्रमित

कोरोना से बचाव के प्रति लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए। राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों को यदि बीते 15 दिनों से अब तक देखें तो पता चलता है कि कोरोना के सेकेंड वेव में अधिकांश 30 से 60 वर्ष के लोग चपेट में आ रहे हैं। बीते 15 दिनों में पटना 418 कोरोना के पेशेंट मिले हैं। इसमें सबसे अधिक 30 से 60 वर्ष के 219 लोग शामिल है। 30 वर्ष से कम उम्र के 131 लोग और 60 से अधिक वर्ष वाले 68 कोरोना संक्रमित शामिल हैं।

पटना में 2776 टेस्ट

पटना जिला प्रशासन की ओर से जारी सूचना के अनुसार पटना में कोरोना के कुल 2776 जांच किए गए। इसमें से 1840 आरटीपीसीआर, 932 एंटीजन और चार टूनेट से जांच की गई। सैटरडे को विभिन्न इलाकों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने में टीम लगाई गई। वहीं, पटना एम्स में सैटरडे को आरटीपीसीआर पर 2555 टेस्ट किया गया। इसमें से 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। पटना में एक बार फिर से कोरोना पॉजिटिव की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। इससे लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिसटेंसिंग के लिए अवेयर किया गया है।

50 दिन बाद कोरोना को मात

सैटरडे को एम्स में कोरोना से ठीक होने के बाद चार पेशेंट को डिस्चार्ज किया गया। इन चार में शामिल पेशेंट और पटना के रूकनपुरा के 68 वर्षीय लक्ष्मी पासवान का मामला विशेष रहा। इस बारे में नोडल अफसर डॉ संजीव कुमार ने बताया कि लक्ष्मी पासवान अब तक यहां कोरोना वार्ड में आये पेशेंट्स में सबसे अधिक दिनों तक भर्ती रहे। उन्हें छह फरवरी को यहां बेहद गंभीर स्थिति में एडमिट किया गया था। वे आईसीयू में थे। उन्हें प्लाज्मा थेरेपी किया गया। हालांकि लंबे समय तक रहकर उन्होंने कोरोना को मात दी। वहीं, पूर्व मिनिस्टर महाचंद्र प्रसाद भी कोरोना को मात देकर सैटरडे को डिस्चार्ज किए गए।

1.03 लाख लोगों ने लिया टीका

बिहार में सैटरडे को एक लाख तीन हजार 699 लोगों को कोरोना का टीका दिया गया। इसके साथ ही प्रदेश में 26 लाख 23 हजार 741 लोगों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में शनिवार को कोरोना का पहला डोज कुल एक लाख 191 लोगों को दिया गया। इसमें 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 83 हजार 667 लोग हैं, जबकि

45-59 वर्ष के 13 हजार 716 लोग शामिल हैं। वहीं, सैटरडे को 3508 लोगों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया। इस प्रकार अब तक प्रदेश में चार लाख 26 हजार 956 लोगों ने टीका का दूसरा डोज ले लिया है।

अधिकांश मामलों में कोरोना बढ़ने का कारण लापरवाही है। कोरोना अभी गया नहीं है। सतर्क रहें और चाहे कोई वैक्सीन ले चुके

हो या नहीं, कोरोना नियमों का अनुपालन जरूर करें।

-डॉ अजय सिन्हा, नोडल अफसर, एनएमसीएच