PATNA: बिहार के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रभारी प्रधानाध्यापक अब व्हाट्सअप चलाएंगे। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के डीईओ, डीपीओ और बीईओ को पत्र भेजा है। बताया गया है कि यदि शिक्षा विभाग को किसी खास स्कूल के प्रिंसिपल को निर्देश देने के लिए डीएम या बीईओ के माध्यम से कार्य करना पड़ता है। सीधे संपर्क नहीं होने से कई बार अनावश्यक रूप से कार्य में विलंब होता है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के पि्रंसिपल के पास व्हाट्सअप नंबर होगा तो काम में सुविधा होगी। जिलों और प्रखंड के अफसरों को ख्0 दिसंबर तक प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रभारी प्रधानाध्यापक के व्हाट्सअप नंबर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद मुख्यालय को स्कूल, प्रिंसिपल के नाम और उनके मोबाइल नंबर भेजेंगे।

व्हाट्सअप की सुविधा मिलने पर अनावश्यक विलंब से छुटकारा मिलेगा। इससे घंटों का काम मिनटों में होगा। हां, सेल्फी आदि भेजने में कुछ परेशानी हो सकती है। लेकिन शिक्षा विभाग का यह प्रयास काफी सराहनीय है।

-विपिन प्रसाद, प्रिंसिपल, जयलख बालक मिडिल स्कूल, बखरी, बेगूसराय

कौशल विकास से आगे बढ़ेगा बिहार

बिहार सरकार ने अपनेसात निश्चय में शामिल 'आर्थिक हल, युवाओं को बल' निश्चय के तहत शुक्रवार को पूरे बिहार में कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ किया। खाजपुरा में पटना जिले का पहला कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि कुशल युवा कार्यक्रम से बिहार प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में न केवल सुविधा होगी बल्कि युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए यह कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक सभी कौशल विकास केंद्रों को शुरू किया जाएगा। इन केंद्रों पर क्भ् से ख्भ् आयु वर्ग के युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग मिलेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को कंप्यूटर एवं ¨हदी-अंग्रेजी भाषा में संवाद कौशल की ऑनलाइन ट्रेनिंग दस सप्ताह (तीन माह) तक दी जाएगी। पंजीकरण कराने वाले युवाओं की तादाद बढ़ती जा रही है। कोर्स पूरा करने वाले प्रशिक्षित युवाओं को परीक्षा देनी होगी। उत्तीर्ण युवाओं को सर्टिफिकेट मिलेगा। इस अवसर पर विधायक संजीव कुमार चौरसिया, एस्ट्रीक कंप्यूटर के सीइओ के प्रभात कुमार सिन्हा और अनिंद कुमार बनर्जी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा हेल्थ कार्ड

नए साल में सेंट्रल गवर्नमेंट की मदद से बिहार के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से महिलाओं की स्वास्थ्य जांच होगी। साथ ही उनका हेल्थ कार्ड भी बनेगा। इससे संबंधित प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार को भेजा है। इस प्रस्ताव पर समाज कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे। जनवरी से आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के दौरान महिलाओं के लिए अलग से हेल्थ कार्ड उपल?ध कराया जाएगा।

सेंट्रल गवर्नमेंट से मदद, गंभीर बीमारियों की जांच अनिवार्य

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे के पर ही सभी राज्यों से महिलाओं के स्वास्थ्य जांच के लिए हेल्थ कार्ड उपल?ध कराने के संबंध में राज्यों से आवश्यक सुझाव मांगा था। इसमें गंभीर बीमारियों की मुफ्त जांच को शामिल करने को कहा गया था। उसी के आलोक में उक्त प्रस्ताव को नए साल में अमलीजामा पहनाया जा रहा है। हेल्थ कार्ड योजना पर केंद्र सरकार वित्तीय मदद देगी। हेल्थ कार्ड में महिलाओं की पांच से छह प्रमुख बीमारियों की जांच अनिवार्य होगी।