- सोमवार से खुल जाएंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी

- पीयू और पीपीयू प्रशासन करेगा वैक्सीनेशन के लिए कैंप

PATNA : सरकार ने अनलॉक-4 के तहत 50 प्रतिशत क्षमता के साथ यूनिवर्सिटी और कॉलेज को खोलने का आदेश दिया है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट निर्देश है कि वैक्सीनेशन के बाद स्टाफ कार्यालयों में आएंगे। इस बाबत पटना यूनिवर्सिटी और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में तैयारी पूरी कर ली गई है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद यह पहला मौका होगा जब 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी खुल जाएंगे। पटना यूनिवर्सिटी में लगभग एक हजार कर्मचारी हैं। इसमें स्थायी और अस्थायी कर्मचारी दोनों शामिल हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स की बात करें तो इसमें करीब 22 हजार छात्र शामिल हैं। इसके अलावा पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी ने भी इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। मकसद एक ही है कि सभी आएं तो सभी के लिए कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन हो जाए।

कैंप लगाया जाएगा

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में अब तक यहां के पदाधिकारियों और शिक्षकों को वैक्सीन लगा दी गई है। क्योंकि कोरोना काल में यहां के कई स्टाफ एक साथ कई लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे। अब कॉलेज, यूनिवर्सिटी स्टाफ के लिए भी स्पेशल वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू किया जाएगा। पीपीयू के मीडिया प्रभारी डॉ बीके मंगलम ने बताया कि कई कॉलेजेज में पहले ही वैक्सीन के लिए अभियान हो चुका है। इसमें कुछ कॉलेज छूट गए हैं। उन्हें भी शामिल किया जाएगा। फिलहाल एएन कॉलेज, टीपीएस कॉलेज, जेडी वीमेंस कॉलेज आदि में वैक्सीनेशन के लिए सेंटर बनाया गया है।

पीयू में कई शिक्षक वंचित

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पीयू के शिक्षकों के बीच जाकर इसकी जानकारी ली। शिक्षकों की ओर से बताया गया कि यहां सेंट्रल डिस्पेंसरी में दो दिन का कैंप लगाया गया था। इसमें विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और वैसे शिक्षक जो स्वस्थ्य थे और पटना में उपस्थित थे, वे वैक्सीन ले चुके हैं। लेकिन अधिकांश शिक्षक पटना से बाहर रह रहे थे। इसके अलावा स्टूडेंट्स के वैक्सीनेशन का मामला अभी लंबित है। लगभग 50 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन दी गई है। इसी प्रकार, पीपीयू के कई कॉलेज इस अभियान से वंचित हैं।

कोट

विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेज को आग्रह किया जाएगा कि यदि संबंधित कॉलेज में वैक्सीन नहीं लगाया गया है तो इसके लिए व्यवस्था कर यह कार्य पूरा किया जाए।

- डॉ बीके मंगलम, मीडिया प्रभारी, पीपीयू

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जो लोग वैक्सीन लेने से अब तक छूट गए हैं तो उन्हें शामिल करने के लिए चीफ मेडिकल ऑफिसर से आग्रह किया जाएगा। विशेष कैंप का आयोजन किया जाएगा।

- डॉ। अनिल कुमार, डीएसडब्ल्यू, पीयू