क्चश्वद्दस्न्क्त्रन्ढ्ढ: मक्का फसल में दाना नहीं आने से बेगूसराय के किसानों में हाहाकर है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद शनिवार को कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार बेगूसराय पहुंचे। जिले के बरौनी, मटिहानी और बलिया प्रखंड के दियारा क्षेत्रों में खेत में जाकर फसल का जायजा लिया। बरौनी प्रखंड के मकरदही समेत अन्य स्थानों पर मक्के की बाली को देखा। जहां उन्हें दाना नहीं मिला। वे मक्के की फसल की रिपोर्ट सरकार को देंगे। ताकि किसानों को फसल क्षति का मुआवजा मिल सके। निरीक्षण के दौरान उनके साथ जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण बिहारी, क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ एसबी सिंह समेत विभाग के अन्य अफसर और किसान उपस्थित थे।

दी आत्महत्या की चेतावनी

मक्के की फसल देखने खेत पहुंचे प्रधान सचिव को किसानों ने फसल की स्थिति से अवगत कराया। साथ ही प्रधान सचिव से फसल क्षति का उचित मुआवजा मांगा। किसानों ने कहा कि फसल की स्थिति यह है कि लागत मूल्य भी शून्य के बराबर प्राप्त हो सकेगा। किसानों ने कहा कि यदि सरकार कुछ नहीं करेगी, तो किसान आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। जिला कृषि पदाधिकारी और कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो मक्के की फसल में दाना नहीं आने का कारण अत्यधिक ठंड पड़ना है। बताया गया कि 20 नवंबर से पहले जिन किसानों ने फसल की बुआई की थी, उनके फसल में दाना नहीं आया है। इसका कारण 25 से 30 दिसंबर तक अत्यधिक ठंड पड़ना बताया है.कृषि विभाग के रिपोर्ट की मानें तो इस बार जिला में 37 हजार हेक्टेयर में मक्के की फसल खेत में लगी है। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने हेक्टेयर में लगी फसल में दाना नहीं है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी सर्वे शुरू हुआ है। रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कितने एकड़ फसल में दाना नहीं आया है।

मक्के में दाना नहीं आने से किसानों के लिए फिलहाल सरकारी स्तर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। अपने स्तर से सभी प्रखंड के अधिकारियों को सर्वे का निर्देश दिया है। किसानों से भी विहित प्रपत्र में रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा गया है। निर्देश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

-कृष्ण बिहारी, जिला कृषि पदाधिकारी, बेगूसराय