-भड़काऊ भाषण देकर माहौल बिगाड़ने पर होगी कार्रवाई

-पुलिस हेडक्वार्टर ने सूबे के सभी एसपी को जारी किया आवश्यक दिशा-निर्देश

क्कन्ञ्जहृन्: चारा घोटाले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के जेल जाते ही बिहार के सभी जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बिहार पुलिस हेडक्वार्टर ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों पर पैनी निगाह रखें। राजनीतिक गतिविधियों के नाम पर होने वाले विरोध-प्रदर्शनों से पहले संबंधित दलों को जिला प्रशासन से पूर्वानुमति लेने के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाए।

गतिविधि पर नजर रखें एसपी

बिहार पुलिस हेडक्वार्टर के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार के सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि अपने जिले में होने वाली हर राजनीतिक गतिविधि पर नजर रखें। यहां तक कि राजनीतिक सभाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए। ज्ञात हो कि रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले के एक मामले में लालू यादव को दोषी करार दिए जाने और उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के बाद पुलिस हेडक्वार्टर ने पूरे राज्य में विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिया है। जिसमें विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की सभाओं में भड़काऊ भाषण देकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

लालू समेत 8 दोषी भी गए हैं जेल : सुशील मोदी

लालू के जेल जाते ही ट्विटर वार जारी है। संडे को डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर आरजेडी के समर्थकों को करारा जवाब दिया है। सुशील मोदी ने लिखा है कि सरकारी खजाने से 89.4 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए गए लालू यादव भ्रष्टाचार के चलते सातवीं बार जेल गए, लेकिन अपनी तुलना वे नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जैसे नेताओं से कर रहे हैं। अवैध सम्पत्ति बनाने में लोकलाज खो देने वाले लोग कैसा नेतृत्व करेंगे?

लगा रहे जातिवाद का आरोप

अगले ट्वीट में सुमो ने लिखा है कि 1000 करोड़ के चारा घोटाला से जुड़े दूसरे मामले में लालू यादव सहित जिन 16 लोगों को दोषी पाया गया, उनमें से 8 यानी 50 परसेंट लोग ऊंची जातियों के हैं। उधर जगन्नाथ मिश्र समेत जिन 8 लोगों को बरी किया, उनमें 4 (50 फीसद) दलित और पिछड़ी जातियों के लोग हैं। तथ्यों से आंख मूंद राजद के लोग न्यायपालिका पर जातिवादी आरोप लगा रहे हैं। बेनामी सम्पत्ति के समर्थन की राजनीति के लिए संन्यास तोड़ने वाले एक समाजवादी नेता अब महसूस कर रहे हैं कि 21 साल पहले लालू के खिलाफ चारा घोटाले में जनहित याचिका दायर कर पाप किया था। दरअसल, पाप तो वे अब कर रहे हैं।

वर्ष 2018 में अग्नि परीक्षा

आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और उनके फैमिली के लिए 2018 चुनौती भरा साबित हो सकता है। न सिर्फ लालू बल्कि उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती, दामाद शैलेश कुमार और छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। ज्ञात हो कि सीबीआइ ने लालू के खिलाफ 6 मामले दर्ज किए थे। 5 मामले रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में और 1 पटना स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में चल रहा है। दो में फैसला आ चुका है। वर्ष 2013 में रांची की विशेष सीबीआइ अदालत ने लालू को 5 साल की कैद की सजा दी थी।