इलेक्टेड मेंबर्स का ही रिप्रेजेंटेशन वैलिड

पीयू एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि कैंपस में प्रॉब्लम्स की कमी नहीं है, लेकिन इन्हें दूर करने के लिए पॉलिटिक्स ओवर डिस्कशन नहीं होगा। स्टूडेंट्स के लिए उन्हीं के बीच से इलेक्टेड मेंबर जल्दी ही एक्टिव हो जाएंगे। अब किसी भी प्रॉब्लम पर वे ही चर्चा कर सकेंगे। जबकि दूसरे कॉलेजों को भी पीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने क्लीयर कर दिया है कि पहले के उनके किसी भी कैबिनेट या एसोसिएशन की वैलिडिटी नहीं होगी, सिर्फ नये इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव्स ही वैलिड होंगे।

अब तक क्या है व्यवस्था

पीयू में पिछले 28 वर्षों से स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन लागू नहीं होने के बावजूद पटना वीमेंस कॉलेज और मगध महिला कॉलेज अपने कैंपस में कैबिनेट इलेक्शन कराते रहे हैं। यह कैबिनेट कॉलेज के स्टूडेंट्स के बीच से ही चुने जाते थे, लेकिन इसके अलावा इनको इलेक्ट करने का कोई आधार नहीं था।

इलेक्शन के बाद की व्यवस्था

स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन होने के बाद हर कॉलेज में रिप्रेजेंटेटिव हो गए है। छोटे कॉलेज में एक जबकि बड़े में दो रिप्रेजेंटेटिव्स इलेक्ट हुए हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स की इश्यूज को वे ही रिप्रेजेंटेटिव्स डिस्कस कर सकते हैं। उनकी बातों को सभी इंस्टीच्यूशन को सुनना मस्ट होगा।

पीडब्ल्यूसी हो या एमएमसी या कोई तीसरा कॉलेज, उनके पुराने सिस्टम से हमें कोई लेना-देना नहीं है। इनमें कोई दूसरा कैबिनेट बनाने का कोई मतलब नहीं है। ब्रॉडर फोरम पर इलेक्शन हो चुका है और अब इन रिप्रेजेंटेटिव्स का सबको सम्मान करना होगा। दूसरे किसी भी फोरम या रिप्रेजेंटेटिव्स से कोई लेना-देना नहीं है।

प्रो शंभूनाथ सिंह

वीसी, पटना यूनिवर्सिटी.