PATNA: हर तरह के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को तुरंत कानूनी, चिकित्सकीय और पुलिस की मदद उपलब्ध कराने के लिए बिहार के सभी फ्8 जिलों में एक-एक वन स्टॉप सेंटर खुलेंगे। यहां ख्ब् घंटे गुणा फ्म्भ् दिन की तर्ज पर सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। फ्क् मार्च तक गया, नालंदा, गोपालगंज, बेगूसराय, पूर्णिया और भागलपुर में एक-एक सेंटर खोलने को कहा गया है। पटना में वन स्टॉप सेंटर कार्य करना शुरू कर दिया है।

क्या है सेंटर का उद्देश्य

किसी भी तरह की उत्पीड़न से पीडि़त, घरेलू हिंसा की शिकार और यौन उत्पीड़न से पीडि़त महिलाओं को यहां तुरंत हर तरह की सहायता मिलेगी। कानूनी डेस्क होगा। पुलिस रहेगी। रहने की व्यवस्था होगी। इलाज का इंतजाम होगा। परामर्श भी दिया जाएगा। सातों दिन चौबीसों घंटे सेवाएं उपलब्ध होंगी। उनके लिए काउंसिलिंग और पुनर्वास की सुविधा भी होगी। रेप पीडि़ताओं के बारे में पूरी गोपनीयता बरती जाएगी। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था होगी। मामले की सुनवाई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग करेगा।

ख्.87 करोड़ रुपए आवंटित

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लागू की गई वन स्टॉप सेंटर के तहत अगले वित्तीय वर्ष ख्0क्7-क्8 तक बिहार के शेष फ्क् जिलों में भी सेंटर खुल जाएंगे। इससे पहले बिहार सरकार ने केंद्र को सुझाव भेजा था कि बिहार के हर जिले में डीएम के अधीन महिला हेल्पलाइन कार्यरत है। यदि केंद्र सरकार हेल्पलाइन को ही वित्तीय मदद दे तो वन स्टॉप सेंटर के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। लेकिन केंद्र ने सुझाव नहीं माना और अलग से हर जिले में एक-एक सेंटर खोलने की मंजूरी दी। इस साल के लिए केंद्र सरकार ने सात सेंटर खोलने के लिए ख्.87 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। हर सेंटर के लिए ब्क् लाख रुपए वार्षिक अनुदान है।

पहले फेज में सात सेंटर खोले जा रहे हैं। ऐसे सेंटर में पीडि़त महिलाओं की काउंसिलिंग कराकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाएगा।

-मंजु वर्मा, मंत्री, समाज कल्याण विभाग