राजधानी पटना में केवल एक हफ्ते में 15 से 20 रुपए तक तेज हो गए प्याज के भाव

- नासिक मंडी तेज होने को स्थानीय मार्केट के लोग भुना रहे

- दाल की थोक खरीद में 60 परसेंट तक की आई है कमी

PATNA: राजधानी पटना में बीते एक हफ्ते में प्याज ने लोगों को रोने पर मजबूर कर दिया है। शुक्रवार को प्याज 52 से लेकर 70 रुपए तक बिका। यह तो रीटेल का भाव है, लेकिन थोक का भाव भी कुछ इसी चाल पर रहा। 21 अगस्त को मीठापुर मंडी में प्याज का भाव कुछ यूं रहा। पटना सिटी, मारूफगंज से आ रही प्याज मीठापुर मंडी में 4800 रुपए, जबकि नासिक की प्याज 5200 रुपए की बिकी। वहीं, अंटाघाट मार्केट में पसेरी के भाव पटना सिटी वाला 260 से 270 रुपए बिका। मीठापुर मंडी के थोक व्यापारी सुनील कुमार ने कहा कि रेट में तो तेजी है, लेकिन वॉल्यूम घट गया है। अधिक माल नहीं रख रहें हैं। रेट पर नजर रखने से ज्यादा जरूरी है बरसात में माल को सेफ रखने का। सड़ने का डर भी सता रहा है।

अंटाघाट में रेट की किच-किच

एक तरफ दस जगह से भाव पूछने के बाद ग्राहक प्याज रखीदते दिखे तो किसी ने एक पाव तो किसी ने सौ ग्राम ही प्याज खरीदी। तो किसी को रेट के और उपर जाने का डर सता रहा तो तीन-चार किलो एक ही बार खरीदने वाले भी दिखे। वहीं, पटेल नगर के व्यापारी रंजन शाह ने बताया कि 28 जुलाई को खुदरा भाव 24 रुपए था। वहीं, दो माह पहले पटना सिटी, मारूफगंज का थोक भाव 16 रुपए और नासिक वाली 20 रुपए ही थी।

एक ही मार्केट में भाव अलग-अलग

अंटाघाट मार्केट में तो हद ही हो गई। एक ही मार्केट में एक ही क्वालिटी के प्याज के भाव में आठ रुपए तक का फर्क अलग-अलग दुकानों पर मिली। जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने अंटाघाट मार्केट में करीब 12 अलग-अलग रीटेल दुकानों में पटना सिटी से आए प्याज का भाव पूछा तो कहीं 52, 58, 56 तो कहीं 50 रुपए का भी भाव मिला। खास बात यह रही कि सभी यही कहते रहे इससे ज्यादा रेट होगी लेकिन कम तो बिल्कुल ही नहीं।

दाल को लग गया बुखार

चना दाल का भाव 55 रुपए, मूंग दाग 85 रुपए, मसूर दाल 85 और अरहर दाल 130 रुपए। यह भाव रहा 21 अगस्त की शाम मीठापुर मंडी की थोक दाल मार्केट में। यहां एक बड़े अनाज व्यापारी नरेश प्रसाद ने बताया कि दालों के भाव में तेजी का आलम यह है कि जो रीटेलर दाल की बोरी खरीदते थे आज वे पांच या अधिक से अधिक दस किलो ही दाल खरीदने का जोखिम ले रहे हैं। अरहर दाल की लोकल सप्लाई नहीं है। पिछले दो माह से तुलना करें, तो अरहर दाल में 30 रुपए से अधिक की तेजी दर्ज की गई है। एमपी से आ रही अरहर की दाल बहुत महंगी हो गई है, हालांकि मूंग दाल में सुधार है।

वास्तव में कीमतों में बढ़त नहीं है, बल्कि यह बाहर के मार्केट की नकल कर यहां भी तेजी दिखायी जा रही है। छोटा व्यापारी को बहुत घाटा हो रहा है। पटना सिटी के व्यापारियों ने कीमतें तेज की हैं।

- अशेश्वर प्रसाद गुप्ता, खुदरा प्याज व्यापारी, अंटाघाट मार्केट

दो माह पहले जब हर दिन कम से कम 50 बोरे प्याज की बिक्री होती थी जो अब मात्र 7-10 बोरे तक सिमट गया है। बिक्री में 25 से 30 परसेंट तक गिवारट आ गयी है।

- सुनील कुमार, थोक प्याज व्यापारी, मीठापुर मंडी

अरहर दाल की स्थानीय उत्पादन नहीं है। बिहार में यह एमपी से मंगाई जाती है। पिछले दो माह में इसका रेट थोक मार्केट में ही 30 रुपए से अधिक बढ़ गया है, जबकि बिक्री में 65 से 70 परसेंट की कमी है।

- नरेश प्रसाद, अनाज के थोक व्यापारी, मीठापुर मंडी

जमाखोरी के कारण कीमतें बढ़ने की बात बेबुनियाद है। प्याज को अधिक समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता है। महाराष्ट्र में फसल खराब होने का व्यापक असर हुआ है। दाल का स्थानीय स्तर पर उत्पादन घटा है।

- गंगा प्रसाद, अध्यक्ष, बिहार राज्य खाद्यान व्यापारी संघ

Voice

एक हफ्ते पहले अंटाघाट मार्केट से भ्ख् रुपए की प्याज आज म्0 रुपए में बिक रही है। कीमतों की कोई मानिटरिंग नहीं है। व्यापारी भी मनमानी करने लगे हैं।

- सतेंद्र, गर्दनीबाग

मात्र एक हफ्ते में प्याज की कीमत में ख्0 रुपए तक बढ़ गई है। बढ़ी कीमतों के कारण घर में जहां एक किलो का प्याज की खपत थी, वह आज पाव भर नहीं है। बारिश का भी बहाना बताया जा रहा है।

- किरण देवी, दलदली रोड

व्यापारी मुनाफाखोरी कर रहें हैं। हमने तो फिलहाल प्याज खरीदना ही छोड़ दिया है। हद है कि इस मामले पर कोई जनप्रतिनिधि कुछ नहीं बोल रहा है।

- विनोद, गांधी मैदान

समय बदल गया है। क्या सावन क्या फागुन, अब तक कीमतों की हद हो गई है। घर में प्याज की खपत बहुत कम हो गई है। सब्जियों का जायका इसकी भेंट चढ़ गया है।

- सौरभ कुमार, अशोक राजपथ