- डॉक्टरों के साथ लगातार हो रही घटना से आहत

- सरकारी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी में हुआ इलाज

- हड़ताल सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए किया गया

- बेगूसराय में इलाज के अभाव में एक बच्चे की हो गई मौत

PATNA : धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर खुद असुरक्षित हैं। लगातार हो रहे हमले और रंगदारी के मामलों को लेकर उन्होंने शनिवार को प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवा ठप रखी। इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का इलाज किया गया। इससे प्रदेश में हाहाकार मच गया। एक दिन के हड़ताल में हजारों मरीजों को परेशानी हुई। बेगू सराय में हड़ताल से एक बच्चे की मौत हो गई है।

नहीं किया इलाज, मर गया मासूम

बेगूसराय में डॉक्टरों की हड़ताल ने नागदह के वार्ड क्0 निवासी संजय गोस्वामी और मनीता देवी के भ् वर्षीय पुत्र सुंदरम कुमार की जान ले ली। मासूम बुखार से पीडि़त थ और उसे दोपहर में सदर अस्पताल लाया गया था। परिजनों का कहना है कि वह गिड़गिड़ाते रहे लेकिन डॉक्टरों ने हड़ताल के कारण इलाज नहीं किया। बेगूसराय में आईएमए के सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। आपातकालीन सेवा छोड़ आउटडोर और सामान्य कार्य ठप रहा। मासूम के परिजनों का आरोप है कि सही समय पर इलाज नहीं होने से बच्चे हुई। ओपीडी डॉक्टर ने पूछने पर बताया कि बच्चे को चिंताजनक स्थिति में परिजन लेकर आए थे।

कई दिनों से दे रहे थे चेतावनी

डॉक्टरों पर हो रहे हमले और रंगदारी के मामलों को लेकर कई दिनों से चिकित्सक सुरक्षा की मांग कर रहे थे। लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इससे नाराज डॉक्टरों स्वास्थ्य सेवा संघ भासा और आईएमए के आह्वाहन पर शनिवार को ओपीडी सेवा ठप किया। गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में भी मरीजों को काफी दिक्कत हुई। शनिवार दोपहर तक भ्-म् मरीजों का इलाज इमरजेंसी में किया गया। एनएमसीएच में रोज की तरह ओपीडी चली। रजिस्ट्रेशन इंचार्ज कनकन सिंह के अनुसार क्क्7क् नए मरीज, पुराने रिव्यूनल में फ्फ्0 और इनडोर ख्9 मरीज इलाज कराने आए थे।