- एम्स के इलाज पर परिजनों ने उठाया सवाल

- हार्निया के ऑपरेशन के दौरान लापरवाही का आरोप

PATNA : साहब मुझे मेरा बेटा उसी हालत में वापस कर दीजिए। मै आप लोगों के इलाज से बहुत परेशान हो गई हूं और हर पल अनहोनी की आशंका सताती है। मेरे बेटे को ऐसी कौन सी बीमारी अचानक से हो गई कि वह इतने दिन से अस्पताल में बेसुध पड़ा है। ये दर्द है एक ऐसी मां का जिसने अपने बेटे को एम्स पटना में हार्निया के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया लेकिन क्फ् दिन से वह अस्पताल से बाहर नहीं आ सका है। वह एम्स के एचडब्लूयू वार्ड में बेसुध पड़ा है। मां की इस पीड़ा पर डॉक्टर भी कोई साफ जवाब नहीं दे रहे हैं जिससे उसकी पीड़ा बढ़ गई है। बार बार डिमांड के बाद डॉक्टरों ने कुछ रिपोर्ट भी है वह न तो मुहर न ही हस्ताक्षर है।

- भर्ती होते समय ऐसा नहीं था गंभीर

समस्तीपुर जनपद की मूल निवासी और पटना के रूपसपुर में स्थित मायके में रह रही पूजा देवी और उनके भाई राजू का कहना है कि करन की उम्र क्भ् साल है। उसे हार्निया की शिकायत थी। ख्9 मई को उसे ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया। जांच पड़ताल के बाद डॉक्टर उसे फ्क् मई को ऑपरेशन के लिए ले गए। परिजनों का आरोप है कि फ्क् मई शाम को ही करन को वेन्टीलेटर पर रख दिया गया। उसकी हालत बिगड़ गई। आरोप है कि ऐसा दवा के रिएक्शन होने के कारण हुआ है। इसके बाद फिर कोई ऑपरेशन कर गले में पाइप लगाया गया और उसके बाद से ही वह एम्स से बाहर नहीं आया।

- परिजनों को रिपोर्ट देने में मनमानी क्यों

परिजनों का कहना है कि इंसान को कुछ भी हो सकता है लेकिन अस्पताल द्वारा सब कुछ साफ साफ बताया जाना चाहिए। ऑपरेशन के बाद जब करन की हालत बिगड़ी उसके बाद से ही वह डॉक्टर से जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हुआ है? वह कई बार बच्चे की रिपोर्ट मांगे लेकिन उसे देने में आनाकानी की गई। करन के मामा राजू का कहना है कि हालत गंभीर है और उसे कोई भी डॉक्टर प्रापर इलाज नहीं कर रहा है। आरोप है कि लगातार रिपोर्ट मांगने पर नहीं देना ही मामले को संदिग्ध बना रहा है। पीडि़त परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि वह उसके पीडि़त बच्चे की मदद करें जिससे वह पहले की तरह स्वस्थ होकर घर वापस जा सके। -