-पटना में पहले से मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर चल रहा काम

-घनी आबादी वाले इलाकों में मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट रेल की मिल सकती है अनुमति

PATNA : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में टायर-2 शहरों यानी 20 लाख तक की आबादी वाले शहरों में मेट्रो नियो रेल चलाने की घोषणा की है। पटना भी टायर-2 कैटेगरी में आता है। हालांकि यहां पहले से मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, लेकिन घनी आबादी वाले इलाकों में मेट्रो नियो रेल या मेट्रो लाइट रेल की अनुमति मिल सकती है। यह उम्मीद इसलिए भी जगी है क्योंकि नई दिल्ली में भी मेट्रो रेल का जाल बिछा होने के बाद भी हाल में मेट्रो नियो रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है।

15 दिन में साफ होगी स्थिति

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने हाल ही में नियो मेट्रो लांच किया है। पटना जैसी घनी आबादी वाले शहर में नियो मेट्रो का परिचालन ज्यादा आसान और सुलभ है। रबर की टायर पर चलने वाली तीन कोच वाली इस मेट्रो के स्टेशन परिसर के लिए बड़े जगह की जरूरत नहीं होती है। यह सड़क की सतह पर भी चल सकती है। इसकी लागत भी परंपरागत मेट्रो निर्माण लागत से 40 परसेंट तक कम आती है। इसमें हर कोच में 200-300 लोग सफर कर सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, अभी मेट्रो नियो रेल के लिए किसी खास शहरों के नाम नहीं बताए गए हैं। अगले 15 दिनों में इस दिशा में स्थिति साफ हो सकती है।

पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पकड़ेगी स्पीड

पटना में दो रूटों पर पहले से ही मेट्रो रेल चलाने की योजना मंजूर हो चुकी है। इसके निर्माण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ 25 सितंबर, 2019 को एमओयू हो चुका है। पहले कोरिडोर-एक में मलाही पकड़ी से नए बस स्टैंड आइएसबीटी तक मेट्रो परिचालन शुरू होना है, जिसके लिए जमीन अधिग्रहण चल रहा है। गेज ट्रैक बिछाने आदि के लिए भी टेंडर निकाला गया है। इसके निर्माण पर करीब 13,365.77 करोड़ रुपए खर्च होने है, जिसके लिए पहले ही सहमति मिल चुकी है।

क्या है मेट्रो नियो

- 20 लाख तक की आबादी वाले शहरों में चलाने की मंजूरी।

- 40 परसेंट कम लागत आती है सामान्य मेट्रो रेल की तुलना में।

- 3 कोच वाली होती है मेट्रो नियो, लगी होती है रबड़ की टायर।

- 700-800 लोग एक बार में सफर कर सकते हैं नियो मेट्रो में।