PATNA CITY: टॉपर घोटाला के आरोपी दिवाकर प्रसाद की मौत में पुलिस पर लगे आरोपों का सच सीसी टीवी फुटेज से जाना जा रहा है। अब तक की जांच में पुलिस के सामने चौकाने वाली बात आई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फुटेज में पुलिस पर लगाए गए आरोपों की जांच स्पष्ट नहीं हो रहा है। पुलिस को ये भी शक है कि मामले को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए पुलिस पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं.हालांकि इस कांड के आइओ सह बहादुरपुर थाना के एसएचओ इस मामले में अभी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।

पुलिस लौटी तो पिता को मृत पाया

दर्ज कराए एफआईआर क्9म्/क्म् में दिवाकर प्रसाद के बेटे विक्रम उर्फ विक्की का कहना था कि देवकांत वर्मा के अलावा भ् पुलिस वाले उनके घर 7 दिसंबर की रात करीब क्0 बजे आए। दरवाजा खोलने पर उनसे दिवाकर के के बारे में पूछा। जब उन्हें ऊपर मंजिल पर होने की बात कही, तो फ् लोग उसे लेकर निकले और बाकी फ् ऊपर चले गए। कुछ ही देर में चिल्लाने की आवाज सुन वह ऊपर गया, तो देखा कि उसके पिता की पिटाई पुलिस वाले कर रहे हैं। जब उन्हें बचाने की कोशिश की, तो पुलिस वाले उसे लेकर नीचे चले आए।

जब पुलिस वाले लौट गए, तो ऊपर जाकर देखा तो उसके पिता की मौत हो चुकी थी। फिर भी तसल्ली के लिए उन्हें नर्सिग होम ले गया, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस सूत्रों की माने तो सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि पुलिस उनके घर गई है, मगर पुलिस की मुलाकात दिवाकर प्रसाद से नहीं होती है। संभवत: अपनी गिरफ्तारी को देख वे छत से कूदने की कोशिश में गिर गए हों और इससे उनकी मौत हो गई हो। अगर ऐसा नहीं था और पुलिस ने विक्रम के पिता की पिटाई की होती, तो वह पुलिस को घर के बाहर तक कैसे छोड़ने आते। यह सवाल पुलिस को पच नहीं पा रहा है।