पटना ब्‍यूरो। पटना गोल्फ क्लब एक बार फिर गोल्फरों से गुलजार हुआ। देशभर के कई राज्यों से पुरुष—महिला के साथ बड़ी संख्या में छोटे गोल्फर भी पहुंचे है। मौका है 51वां वार्षिक गोल्फ टूर्नामेंट का। पटना गोल्फ क्लब के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शुमार इस प्रतियोगिता में 250 से अधिक गोल्फर ट्रॉफी के लिए कोर्स के होल को पूरा करने में जुटेंगे। प्रतियोगिता के पहले दिन महिला व सीनियर्स वर्ग के मुकाबले 19—24 हैंडीकैप्ड का हुआ। जबकि मुख्य मुकाबला शनिवार से खेला जाएगा।

कई स्थानों से पहुंचे खिलाड़ी
इस गोल्फ आयोजन में दिल्ली, जमशेदपुर, रांची, वाराणसी ,जमालपुर ,चितरंजन ,लखनऊ ,कोलकाता ,संबलपुर, जमशेदपुर, कोलकाता के अलावा आर्मी की एक टीम भी एनुअल गोल्फ चैंपियनशिप में अपना प्रतिभा दिखाने आई है। इस खेल में करीब 250 खिलाड़ियों की मौजूदगी रहने वाली है., जिनमें बिहार के 35 गोल्फर हैं। प्रतियोगिता का शुभारंभ लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मिन्हास करेंगे। मिन्हास देश के एक बेहतरीन गेाल्फर के रूप में जाने जाते हैं। इस मौके पर क्लब के अध्यक्ष पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा मौजूद रहेंगे।

भारत का सबसे पुराना गोल्फ क्लब
पटना गोल्फ क्लब के कैपटन रोहित कीर्ति के अनुसार पहले दिन के 19-24 वर्ष के सुपर सीनियर्स, सीनियर्स, लेडीज और हैंडीकैप लोगों के लिए खेल का आयोजन हुआ। वहीं दूसरे दिन का आयोजन 18 वर्ष के नीचे के गोल्फ खिलाड़ियों के लिए आयोजन किया जाएगा। वहीं 24 फरवरी को होल्स हैंडीकैप टूर्नामेंट का आयोजन होगा। इस आयोजन में जितने भी खिलाड़ी जीतेंगे। उन खिलाड़ियों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पटना गोल्फ क्लब की स्थापना वर्ष 1916 में की गई थी। यह भारत का सबसे पुराना गोल्फ क्लबों में से एक माना जाता है।

104 एकड़ में फैला है क्लब
बताया कि इस गोल्फ क्लब के पूरे क्षेत्रों की माप करीब 104 एकड़ है। जो पूरी तरह से हरी-भरी हरियाली से भरपूर है। पटना स्थित यह गोल्फ क्लब मुख्य रूप से एक स्पोटर्स क्लब है। जिसमें कई अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं। गोल्फ के खेल में दुनिया भर में इसकी लोकप्रियता पूरे भारत में बढ़ रही है। पटना गोल्फ क्लब देश में वृक्षों की संख्या के मामले में पहले नंबर पर है। यहां के परिसर में 20 हजार से अधिक पेड़ हैं। 108 वर्ष पहले बने पटना गोल्फ क्लब को हेरिटेज गोल्फ कोर्स बताते हुए उन्होंने कहा कि पटना गोल्फ क्लब का क्षेत्र जीरो प्रदूषित क्षेत्र होने से लोगों की पसंदीदा जगह भी है। कहा कि यह जमीन राजभवन से मिलने के बाद वर्ष 1916 से यहां गोल्फ के अलावा पोलो व दूसरे गेम्स होते थे। लेकिन वर्ष 1953 में इसे पूरी तरह गोल्फ के लिए बना दिया गया।