- 60 परसेंट राशि लोन से जुटाने का प्रस्ताव तैयार

PATNA: बिहार सरकार ने पटना मेट्रो के लिए राशि का प्रबंध करने की कवायद भी शुरू कर दी है। मेट्रो के लिए तैयार डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में तीन माध्यम से फंड जुटाने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए 20-20 फीसद राशि केंद्र और राज्य सरकार देगी, जबकि 60 फीसद राशि ऋण से जुटाई जाएगी। इंदिरा भवन स्थित पीएमआरसी (पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) मुख्यालय में बुधवार को हुई बैठक में भूमि अधिग्रहण को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

उधर, सरकार 20 फीसद फंड जुटाने के लिए वैकल्पिक उपायों की तलाश भी कर रही है। इसके तहत राजधानी में पेट्रोल, डीजल, गैस, बिजली, सीएनजी, गृहकर आदि पर सेस लगाने की योजना है। मेट्रो के परिचालन खर्च को कम करने के लिए सरकार इसको सिंगल ट्रैक पर संचालित करने पर विचार कर रही है। साथ ही रेल व स्टेशनों पर विज्ञापन से होने वाली कमाई से भी परिचालन लागत निकालने का प्रस्ताव तैयार भी किया जा रहा है।

बोर्ड की बैठक में मेट्रो स्टेशन पर बनने वाले भवन को भी किराए पर देने को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। यही नहीं, पटना मेट्रो का परिचालन शुरू होने पर शहर में बढ़ने वाले ट्रैफिक के संभावित दबाव को ध्यान में रखते हुए यूनिफाईड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी (उमटा) के गठन की भी पहल की जा रही है। दरअसल, भारत सरकार ने मेट्रो पॉलिसी-2017 के तहत मेट्रो की मंजूरी वाले शहरों में एक वर्ष के अंदर उमटा के गठन का प्रावधान अनिवार्य कर रखा है।

उमटा तय करेगा किराया

पटना मेट्रो परियोजना जमीन पर उतरने के बाद राजधानी में परिवहन प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी उमटा की होगी। उमटा में सरकार द्वारा नामित अध्यक्ष के अलावा विकास प्राधिकार, नगर विकास विभाग, पटना नगर निगम, परिवहन विभाग, वित्त विभाग, परिवहन निगम, बिहार पुलिस, पटना मेट्रो, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और बिजली कंपनी के नामित पदाधिकारी सदस्य की जिम्मेदारी दी जाएगी।

उमटा की जिम्मेदारियां

सरकार का मानना है कि मेट्रो की शुरुआत होने पर परिवहन व्यवस्था को मैनेज करना चुनौती होगी। ऐसे में उमटा यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रियों को एंड-टू-एंड कनेक्टिविटी कैसे मुहैया कराई जाए। इसके तहत मेट्रो स्टेशन या सार्वजनिक स्थल से शहर के दूसरे हिस्सों के लिए ऑटो, बस और ई-रिक्शा आदि सार्वजनिक परिवहन की सुगम व्यवस्था और किराया प्राधिकार तय करेगा। गठन के बाद उमटा सबसे पहले शहर का कॉम्प्रीहेंसिव मोबलिटी प्लान तैयार कराएगा। इसमें सड़कों पर वर्तमान दबाव के साथ ही मेट्रो शुरू होने पर पड़ने वाले दबाव का अध्ययन करते हुए उसके हिसाब से नीति तैयार की जाएगी।