PATNA : दियारा में आयोजित पंतग उत्सव बच्चे और पत्‍‌नी के साथ ज्ञान शरण घूमने गए थे। वह हादसे का शिकार हो गए। हादसे में सबसे पहले पिंकी सुरक्षित पहुंची। वह अपने परिवार को खोजते रही। कुछ देर के लिए लगा सब का साथ छूट गया, लेकिन दोनों बेटी पीहू और पंखुड़ी सुरक्षित मिल गई, लेकिन पति का कोई पता नहीं चला। सुबह जब सूचना मिली तो पहाड़ टूट पड़ा। उसके मौत की खबर आई।

पिंकी अपने बेटियों को डॉक्टर बनाने का सपना बुन रही थी, लेकिन एक घटना ने सपना तोड़ दिया। अब दो वक्त की रोटियां का जुगाड़ कैसे होगा। पति की मौत की खबर मिलते ही पिंकी बार-बार बेहोश हो जा रही थी। पिंकी ने कहा कि सरकार चार लाख रुपए चेक देकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। वह निष्पक्ष जांच कराए और दोषी अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराए।

व्यवस्था दुरुस्त रहती तो नहीं जाती जान

ज्ञान शरण के भाई सतगुरु शरण भी दुर्घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रशासन की लापरवाही के चलते हुआ है। हजारों की संख्या में जाने वाले जगह पर सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। यह मौत नहीं हत्या है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस सक्रिय हुई और एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची। अगर पहले से एनडीआरएफ अथवा एसडीआरएफ वहां मौजूद रहती तो शायद एक भी जान नहीं जाती।