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PATNA : पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले रास्तों पर ट्रैफिक की समस्या अब परमानेंट होने वाली है। गांधी सेतु को दुरुस्त करने का समय जितना नजदीक आ रहा है, पटना में ट्रैफिक की समस्या उतनी ही गहराती जा रही है। पिछले क्0 दिनों से बायपास जिस कदर जाम हो रहा है, यह समस्या आने वाले समय में बढ़ने वाली है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की विशेष रिपोर्ट में पढि़ए शहर की ट्रैफिक का भविष्य।

आंधी ने पुल से भरोसा भी उड़ाया

आने वाले समय में ट्रैफिक की समस्या को बढ़ाने में मौसम का हाथ भी होगा। आंधी ने पीपा पुल को बहाकर ट्रेलर दिखा दिया है। बारिश में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद यह पुल किसी काम का नहीं रहेगा। ऐसे में पीपा पुल के भरोसे ट्रैफिक कंट्रोल का प्लान फेल हो सकता है। आंधी में बहने के बाद पीपा पुल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अचानक आंधी आने से बड़ी अनहोनी हो सकती है।

दीघा पुल परेशानी का हल नहीं

क्क् जून तक दीघा पुल शुरू करने की प्रशासनिक तैयारी है। इस काम में कई परेशानियां आ रही है। अगर इसे शुरू भी कर लिया जाता है तो पहले से ही जाम में रहने वाले दानापुर-बांकीपुर सड़क के माध्यम से ट्रैफिक का पूरा लोड डायवर्ट नहीं किया जा सकेगा। दीघा पुल पूरी तरह फंक्शन तभी करेगा जब एलिवेटेड रोड का काम जल्दी से पूरा हो जाए, जो फिलहाल मुश्किल ही लग रहा है।

ऐसे तो साल भर लगा रहेगा जाम

जिस तरह का जाम पिछले क्0 दिनों से लग रहा है वह शहर के लिए परमानेंट समस्या बनती जा रही है। तीन किमोमीटर के सफर को पूरा करने के लिए लोग तीन-तीन घंटे ट्रैफिक में इंतजार कर रहे हैं। ऐसी या इससे भी खराब स्थिति आने वाले समय में होने वाली है। गांधी सेतु पर काम तेजी से चलने के बाद एक लेन ही परिवहन के लिए होगा।

मौसम- बीते दिनों सबने देखा कि आंधी में पीपा पुल पर सफर करना कितना खतरनाक है। इसके अलावा आने वाले समय में होने वाली बारिश भी नदी का जल स्तर बढ़ाकर पुल को नष्ट कर सकती है।

कंस्ट्रक्शन- गांधी सेतु का सुपर स्ट्र्चर गिराए जाने के दौरान एहतियातन पीपा पुल को रोकना भी पड़ सकता है। इसकी वजह है मलवे से पुल को नुकसान का खतरा। हालांकि सुपर स्ट्रक्चर बदलने के दौरान मलवा गंगा में न गिराने की शर्त भी है।

जाम की फ् बड़ी वजह

पुलिस बल की कमी- होमगार्ड की हड़ताल से ट्रैफिक पुलिस के पास बल की काफी कमी है। ऐसे में जाम को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त जरूरी उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

रास्ते में खड़े ट्रक- पूरी राह मालवाहक ट्रक नो एंट्री खुलने का इंतजार करते रहते हैं। इस वजह से रोड का स्पेस काफी कम हो जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है तथा परेशानी होती है।

ट्रैफिक सेंस की कमी- पटना में लोगों में ट्रैफिक सेंस की कमी है। लोगों को अवेयर करने की जरूरत है। बायपास पर लोग जगह-जगह गाडि़यां पार्क कर देते हैं। आगे निकलने की होड़ भी लगी रहती है।

सबसे अधिक परेशान ये

स्टूडेंट्स- बायपास के पास स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे तपती धूप में ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। उन्हें घर पहुंचने में रोजाना फ् घंटे की देरी हो रही है।

बीमार- दक्षिण बिहार से आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। रोज ख्0 एंबुलेंस जाम में फंसी दिखती है।

दीघा पुल का काम तेजी से चल रहा है। उम्मीद है इसे समय पर पूरा करेंगे। एलिवेटेड रोड का काम पूरा होने में वक्त लगेगा। तबतक बांकीपुर-दानापुर रोड का उपयोग करना होगा।

- सुनील कुमार, सीनियर इंजीनियर, बिहार ब्रिज कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन