- क्लैट की परीक्षा में जमकर हुई गड़बडि़यां

- बार- बार मेरिट लिस्ट में चेंज होने से छात्र परेशान

- नियम के विरूद्ध एनआरआइ कोटे की सीटें बढ़ायी गई

PATNA : देश भर के क्8 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की परीक्षा क्लैट सवालों के घेरे में है। को- आर्डिनेटिंग यूनिवर्सिटी सीएनएलयू को इस बार क्लैट परीक्षा के सफल संचालन की जिम्मेवारी दी गई थी। इस बार स्टूडेट्स भी पिछले बार की तुलना में कहीं अधिक थे। पर क्लैट की परीक्षा में एक-दो नहीं बल्कि कई त्रुटियां पाई गई है। इस परीक्षा के ख्भ् प्रश्न गलत थे, यही वजह है कि मेरिट लिस्ट बार -बार चेंज हो रहा है। इससे भी कहीं अधिक चौंकाने वाली बात है कि इस परीक्षा का संचालन एक ऐसे बिडर को दी गई जो कि तय मानक को पूरा नहीं कर रहा था। इस पूरे मामला का खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से हुई। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इसका खुलासा कर रहा है।

एक बड़े घोटाले का है संकेत

इस पूरे मामले को लेकर यह सच्चाई सामने आ रहा है कि इसमें घोटाला किया गया है। सोशल एक्टिविस्ट दिव्यांशु शेखर ने बताया कि क्लैट की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी। इसके लिए निविदा निकालकर प्रक्रिया का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। दरअसल, बीडिंग के लिए वार्षिक रूप से भ्0 करोड़ रुपए से अधिक वाले कंपनी ही पार्टिसिपेट कर सकते थे। जबकि इसमें बिडिंग के लिए लोर इंडिया फाउंडेशन को अवार्ड किया गया। जबकि इसका टर्न ओवर इस प्रकार का नहीं था। यहंा तक की यह कंपनी बीते तीन साल के टर्न ओवर में भी अयोग्य साबित हुई।

मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी

यह पहला मौका है जिसमें मेरिट लिस्ट के बदल जाने से इसके अभ्यर्थी परेशान हैं। समस्या यह है कि मीडिया के सामने ये पीडि़त खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन इसकी पुष्टि लिस्ट को देखने से स्वत: ही हो रहा है। उदाहरण के लिए चिराग गुप्ता, एक अभ्यर्थी हैं जिनका एआइआर रैंक ख्भ्7म् है और एनआरआई स्पां‌र्स्ड रैंक 9ब् है। यह रैंक बाद में क्ब्फ् हो गया। इस प्रकार के सैंकड़ों मामले है। इस प्रकार की स्थिति से मेरिट वाले अभ्यर्थियों के बीच चिंता का माहौल है। सिर्फ यही नहीं, एनआरआई कोटे की सीटें को बढ़ा दिया गया है।

जांच हो तो सामने आए सच

यह पहला मौका है जब क्लैट की परीक्षा को लेकर इतनी बड़ी गड़बडि़यां सामने आ रही है। सोशल वर्कर दिव्यांशु शेखर ने मांग किया कि इसे लेकर एक हाई लेवल कमेटी से जांच करायी जाए। जांच सीबीआई, सीवीसी आदि से भी करायी जानी चाहिए। इस मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज की गई है। इससे पीडि़त छात्रों ने गांधी मैदान के पास विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

फोन नहीं उठाया

इस पूरे मामले को लेकर को- आर्डिनेटिंग यूनिवर्सिटी सीएनएलयू है। इस गंभीर मामले को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने संस्थान का पक्ष जानने का प्रयास किया। लेकिन बार- बार फोन करने पर भी रजिस्ट्रार एसपी सिंह से संपर्क नहीं हो सका।

कोट

पूरे मामले को लेकर आरटीआई से खुलासा हो चुका है। सबसे बड़ी बात है कि एक अयोग्य कंपनी से पूरी परीक्षा का संचालन कराया गया। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

- मोख्तार राज्य अध्यक्ष आइसा