- बिहार चैम्बर ने की एक सितंबर से जीएसटी लागू करने की मांग

- बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स ने केंद्रीय राजस्व सचिव को सौंपा ज्ञापन

- व्यवसायियों को अभी जीएसटी की पूरी जानकारी नहीं : अग्रवाल

PATNA : जहां देश के अन्य राज्यों में जीएसटी का लागू करने के संबंध में जानकारी और इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी है। रजिस्ट्रेशन भी हो चुका हैं। वहीं, बिहार इस मामलें में बहुत ही पीछे है। सूबे में जीएसटी लागू किये जाने के संबंध में इस परेशानी का जिक्र बिहार चैम्बर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधियों ने कर दिया है। शनिवार को यह बात बिहार दौरे पर आए केंद्रीय राजस्व सचिव हंसमुख अढिया को ज्ञापन सौंप बता दिया है। चैंबर ने एक जुलाई की जगह एक सिंतबर से जीएसटी को लागू करने की मांग की है। ज्ञापन में चैंबर के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा है कि फिलहाल व्यवसायियों को जीएसटी के नियमों और बारीकियों की पूरी जानकारी नहीं है।

साफ्टवेयर ही उपलब्ध नहीं

चैम्बर अध्यक्ष पीके अग्रवाल के मुताबिक जीएसटीएन द्वारा पंजीकृत किसी भी जीएसपी के जरिए अब तक जीएसटी लागू करने की तैयारी नहीं हुई है और जीएसपी ने भी तारीख को बढ़ाने का अनुरोध किया है। किसी साफ्टवेयर कंपनी की ओर से जीएसटी के लिए साफ्टवेयर भी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

प्रोविजनल आईडी तक नहीं

अधिसंख्य व्यवसायियों को प्रोविजनल आइडी प्राप्त नहीं हुई है। इस वजह से वह जीएसटी में माइग्रेट नहीं हुए हैं। जीएसटी के तहत भ्0 हजार या इससे अधिक की सप्लाई पर ई-वे बिल प्रस्तावित है। हमारा सुझाव है कि ई-वे बिल को नहीं रखा जाना चाहिए। पांच करोड़ रुपये तक का व्यवसाय करने वाले के लिए इनवायस में एचएसएन कोड की प्रथम दो डिजिट को ही आवश्यक किया जाए। ट्रांसजिशनल प्रोविजन के तहत कैरी फारवर्ड इनपुट का क्रेडिट जीएसटी के तहत मिलना है, लेकिन इंट्री टैक्स का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है।

अर्थदंड नहीं होना चाहिए

जानकारी हो कि जीएसटी में माइग्रेट हुए कारोबारियों के लिए क्षेत्र का निर्धारण अब तक नहीं हुआ है। अधिकार क्षेत्र में बदलाव और निबंधित व्यक्ति पर दोहरा नियंत्रण का प्रावधान भी जीएसटी में नहीं होना चाहिए.किसी भी तरह की त्रुटि की स्थिति में कम से कम इसके लागू होने के बाद प्रथम छह माह तक कोई भी अर्थदंड नहीं लगना चाहिए। जीएसटी एक्ट की धारा 9(ब्) के तहत किसी भी रजिस्टर्ड व्यक्ति द्वारा किसी भी गैर निबंधित व्यक्ति से किए गए किसी भी लेनदेन पर रिवर्स चार्ज लगाया गया है। इसका दायरा सीमित करने की जरूरत है।

बैंक भी तैयार नहीं

अग्रवाल ने कहा है कि बैंक भी जीएसटी के लिए तैयार नहीं हैं। बैंकों ने भी तारीख बढ़ाने का आग्रह किया है। उड्डयन विभाग ने भी जीएसटी को एक सितंबर से लागू करने का आग्रह किया है। लिहाजा जीएसटी को एक सितंबर से ही लागू करना मुनासिब होगा.बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का प्रतिनिधिमंडल में चैंबर के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार जैन, नवीन कुमार मोटानी, आलोक पोद्दार, मनोज आनंद, अनिल पचीसिया, डॉ रमेश गांधी सहित अन्य कई सदस्य शामिल थे। मौके पर वाणिज्य कर मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, वाणिज्य कर आयुक्त सह प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।