- वर्ष 2000 में हुई थी सिर्फ 33 आयुष डाक्टरों की भर्ती

- राज्य सरकार ने भर्ती को लेकर तीन महीने का मांगा पटना होईकोर्ट से समय

PATNA : बिहार में आयुर्वेद की खराब स्थिति अब सुधर जाएगी, क्योंकि तीन महीने के अंदर ख्00 आयुष डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। बिहार में करीब क्भ् सालों से डॉक्टरों की भर्ती नहीं हुई थी, जिसके चलते आयुष अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी हो गई थी।

मंगलवार को राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट को जानकारी दी कि तीन महीने के अंदर आयुष डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसको लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने बाद प्रक्रिया की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने गजानंद अरूण की ओर से दायर लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए निदेर्1श दिया।

- रिक्त पदों की नहीं मिली है जानकारी

आयुष डॉक्टरों के भर्ती मामले को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग ने बताया कि विभाग की ओर से अभी तक रिक्त पदों की जानकारी नहीं भेजी है, जिसके चलते आगे की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। बिहार सरकार ने क्भ् सालों से आयुष डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया बंद कर रखी थी।

- सिर्फ फ्फ् डॉक्टरों की हुई थी भर्ती

जानकारी के मुताबिक बिहार में ख्000 में डॉक्टरों की अंतिम बार भर्ती हुई थी। इसमें करीब फ्फ् आयुष डॉक्टरों की भर्ती हुई थी। इसके बाद सरकार ने भर्ती बंद कर दी थी। वर्तमान में संचालित आयुर्वेद कॉलेज और अस्पतालों में संविदा के तहत डॉक्टर, प्रोफेसर सहित अन्य कर्मचारी काम कर रहे हैं।

- हर साल घट रहा कॉलेज की संख्या

बिहार में कुछ साल पहले तक पटना सहित कई जिलों में आठ आयुर्वेद कॉलेज संचालित होता था। इसमें हर साल सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ाई कर निकलते थे। लेकिन राज्य सरकार की अव्यवस्थाओं के चलते कॉलेजों की संख्या के साथ स्टूडेंट्स की संख्या घट गई। स्टूडेंट्स दूसरे प्रदेश राज्यों से पढ़ाई करने लगे।