- एमसीआइ के निर्देश पर अस्पताल में नौ और कॉलेज में लगाई गई दो बायो मेट्रिक मशीन

- जुलाई से डॉक्टरों की उपस्थिति पर रहेगी एमसीआइ की नजर

- फरार रहने वाले डॉक्टरों की परेशानी बढ़ी, 350 डॉक्टर सूची में शामिल

क्कन्ञ्जहृन् ष्टढ्ढञ्जङ्घ : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रडार पर अगले महीने से नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर भी आ जाएंगे। निर्धारित अवधि में डॉक्टरों की उपस्थिति कॉलेज तथा अस्पताल में सुनिश्चित करने के लिए बायो मेट्रिक मशीन लगाई गई है। यहां के करीब 350 डॉक्टरों का रिकार्ड इस मशीन में डालकर इसे आधार से जोड़े जाने की कार्रवाई जारी है। जुलाई से सभी की हाजिरी इसी मशीन से बनने की संभावना कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन ने शुक्रवार को जताई। कालेज में दो तथा अस्पताल में नौ मशीनें लगाई गई हैं।

कॉलेज एवं अस्पताल में बायो मेट्रिक मशीन लगने के साथ ही वैसे डॉक्टरों की बेचैनी बढ़ गई जो अब तक केवल कागज पर ही नौकरी करते रहे हैं। लेटलतीफ डॉक्टर भी एमसीआइ की निगाहों में होंगे। अस्पताल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कई ऐसे डॉक्टर हैं जिनका चेहरा महीने में कभी-कभी दिख जाता है। कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन की दबिश इनके सामने बेकार साबित होती रही है। मशीन लगने से वह डॉक्टर खुश हैं जो मुस्तैदी से अस्पताल व कॉलेज में अपने निर्धारित समय में मौजूद रहते हैं।

प्राचार्य व अधीक्षक बोले-एमसीआइ की है व्यवस्था

एनएमसी की प्राचार्या डॉ। शिव कुमारी प्रसाद एवं अधीक्षक डॉ। आनंद प्रसाद सिंह ने कहा कि बायो मेट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने की व्यवस्था एमसीआइ की है। उन्हीं के निर्देशानुसार कॉलेज में दो जगहों तथा अस्पताल में इमरजेंसी, गायनी, चर्म रोग विभाग, शिशु रोग, नशा मुक्ति इकाई समेत अन्य विभागों में लगाया गया है। कुछ मशीन कई विभागों से जुड़े इंट्री प्वाइंट पर लगाई जा रही है। प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट तथा वह सभी शिक्षक जो एमसीआइ के रिकार्ड में हैं, उनकी हाजिरी मशीन से ही बनेगी। माइक्रो बायलोजी के विभागाध्यक्ष डॉ। प्रभात कुमार को इस व्यवस्था का नोडल ऑफिसर बनाया गया है। मशीन से बनने वाली उपस्थिति की मॉनीट¨रग सीधे एमसीआइ करेगी। कार्य दिवस में डॉक्टरों की मौजूदगी अब जरूरी हो जाएगी।