पटना (ब्यूरो)। पावापुरी के एक कालेज की तीन छात्राओं के साथ दुष्कर्म के प्रयास का मामला गुरुवार को राज्य महिला आयोग के समक्ष पहुंचा। छात्राओं ने विभागाध्यक्ष डा। विजेंद्र प्रसाद, डा। निर्मल कुमार और पीएमसीएच से आए एक्सटर्नल डा। अजय कुमार एवं डा। जीतेश कुमार के खिलाफ आरोप लगाया है। पीडि़ताओं ने बताया कि थाना में दर्ज कराए मामले को रफा-दफा करने के लिए पैरवी कराई गई, लेकिन उनके स्वजनों ने बात मानने से मना कर दिया। तीनों ने महिला आयोग से न्याय का आग्रह किया है।

हाथ पकड़ कर ले गया
घटना छह दिसंबर की है। पीडि़ता बताती हैं कि दो बजे तक प्रैक्टिकल खत्म होने के बाद कालेज से काल आया, जिसमें उन्हें विभागाध्यक्ष के साथ एक्सटर्नल की उपस्थिति में बुलाया गया। कालेज गेट पर पहुंचते ही क्लर्क रवि रंजन हाथ पकड़ कर केबिन के अंदर ले गया। फिर परीक्षा में टाप कराने की बात कहते हुए विभागाध्यक्ष ने जबरदस्ती करने की कोशिश की। पीडि़ता ने बताया कि वह डर गई और जैसे तैसे खुद को छुड़ाकर बाहर भाग निकली। उसकी बात पर कोई विश्वास करेगा या नहीं इसका डर था। इसी करण घटना के बारे में किसी को बताना नहीं चाह रही थी। फिर हास्टल आने पर पता चला कि एक और छात्रा के साथ पीएमसीएच से आए दोनों डाक्टर ने भी ऐसी ही कोशिश की, जैसा उसके साथ हुआ है।

फेल करने की दी धमकी
इस पीडि़ता ने बताया कि कमरे में बुलाकर उसे फेल करने की धमकी दी गई। कहा गया कि अगर वह उनकी बात मान लेती है तो फेल नहीं होने देंगे। केस को रफा-दफा करने के लिए पीडि़ताओं के घर क्लर्क के जानने वाले ने पैरवी भेजी तो स्वजनों ने मना कर दिया। गवाह अमित राम ने बताया कि तीनों पीडि़ता स्थानीय थाना में एफआईआर के लिए गईं तो दारोगा भावना कुमारी एवं थानाध्यक्ष ने मामले को बेबुनियाद बता दिया। पुलिस ने कहा कि प्रैक्टिकल में पास होने का तरीका है। अब इस सिलसिले में आयोग सदस्य डा। राबिया खातून ने मामले की सुनवाई कर अध्यक्ष को पत्र लिखने की बात कही। कहा, आवश्यकता पडऩे पर टीम जाकर जांच करेगी। अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी 2024 को बुलाया गया है।