- आईजीआईएमएस में हाईटेक कैंसर हॉस्पिटल की तैयारी पूरी

- कैंसर पेशेंट को नहीं जाना पड़ेगा बिहार से बाहर

- होगा हर तरह के कैंसर का इलाज और ऑपरेशन

PATNA: चिकित्सा सेवा में उपेक्षा की मार झेल रहे बिहार को नए साल में कैंसर हॉस्पिटल के रूप में बड़ी सौगात मिलने वाली है। पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में हाईटेक कैंसर सेंटर की स्थापना का खाका तैयार हो गया है। वर्ष ख्0क्7 में बनकर तैयार होने वाला सेंटर एम्स को भी मात देगा। यहां हर प्रकार के कैंसर के इलाज और ऑपरेशन की सुविधाएं मिलेंगी जिससे पेशेंट को बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। फिलहाल बिहार में एक भी कैंसर का सरकारी हॉस्पिटल नहीं है जिससे पेशेंट को दिल्ली या अन्य बड़े प्रदेशों में भटकना पड़ता है।

ऐसा होगा कैंसर सेंटर

आईजीआईएमएस में कैंसर सेंटर के लिए तीन मंजिले इमारत का मैप तैयार है। क्ख्0 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले सेंटर के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट 90 और बिहार सरकार फ्0 करोड़ का बजट दिया है। पूरे सेंटर को देश के अन्य हाईटेक कैंसर सेंटरों की तरह अपडेट किया जाएगा। सेंटर संचालन के लिए विशेष योग्यता वाले डॉक्टरों की नियुक्तिप्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कीमो थेरेपी से लेकर सर्जन और फिजीशियन तक शामिल हैं। परीक्षण और ऑपरेशन में यूज होने वाले उपकरण भी मंगा लिए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसके लगातार बैठकें चल रही है। फ् दिसंबर को होने वाली बोर्ड की मीटिंग में हरी झंडी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

बिहार में भयावह हालात

- बिहार में हर साल कैंसर के क्.ख्भ् लाख नए पेशेंट मिल रहे हैं।

-इसमें म्0-म्भ् परसेंट कैंसर पेशेंट की प्रतिवर्ष मौत हो जाती है।

-तंबाकू और खैनी के कारण बिहार में मुख कैंसर के सर्वाधिक पेशेंट।

- बिहार में पुरुषों में ब्0 परसेंट कैंसर मुंह और गले का है।

- प्रदेश में महिलाओं में स्तन और बच्चेदानी के कैंसर के केसस अधिक हैं।

- महिलाओं में गॉल ब्लाडर, फेफड़ा, पेट, आंत, ब्लड सहित अन्य प्रकार के कैंसर मिल रहे हैं

निजी अस्पतालों के सहारे पेशेंट

बिहार में पटना मेडिकल कॉलेज, एम्स और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान है लेकिन कैंसर पेशेंट को राहत नहीं मिल रही है। एक दो बड़े अस्पतालों में कीमो थेरेपी की व्यवस्था सरकार ने शुरू की लेकिन अभी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में पेशेंट को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है जिसका खर्च उठाना आम आदमी के बस में नहीं होता है। पटना के महावीर मंदिर न्यास समिति के अंतर्गत चल रहे महावीर कैंसर संस्थान में लोगों का इलाज होता है। हालांकि प्रदेश के अधिकतर पेशेंट दिल्ली, मुम्बई के साथ अन्य बड़े महानगरों में जाकर इलाज कराते हैं। कैंसर से ग्रामीण क्षेत्रों की हालत खराब है। यहां न तो इलाज की व्यवस्था है और न ही जागरुकता। ऐसे में कैंसर पीडि़त मौत के मुंह में समा रहे हैं।

संस्थान में पूरी तरह से हाईटेक कैंसर सेंटर की स्थापना की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। फ् दिसंबर को बोर्ड की मीटिंग होनी है। बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। यह बिहार का पहला अत्याधुनिक कैंसर सेंटर होगा जहां इलाज और ऑपरेशन की अत्याधुनिक सुविधाएं काफी कम खर्च में पेशेंट को मिलेगी।

- डॉ। एनआर विश्वास, डायरेक्टर,

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना