- सीनेट की बैठक में पीयू के डेवलपमेंट पर मास्टर प्लान का रखा गया प्रारूप

- 545.15 करोड़ रुपए घाटे का बजट पेश

PATNA :

पटना विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में विश्वविद्यालय का वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया। वाइस चांसलर प्रोफेसर जी के चौधरी ने 545.15 करोड़ रुपए घाटे का बजट पेश किया। बजट पेश करने से पहले उन्होंने कहा कि 100 साल से भी अधिक पुराना विश्वविद्यालय है, लेकिन जिस गति से इसका विकास होना चाहिए था वह अब तक नहीं हो पाया है। विशेष तौर पर क्वालिटी रिसर्च, बेहतर नैक ग्रेडिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल वर्क कल्चर समेत कई मुद्दों पर तेजी से काम करने की जरूरत है। यह बातें पटना विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोसेसर जी के चौधरी ने व्हीलर सीनेट हॉल में सीनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

फेज वाइज डेवलपमेंट

वाइस चांसलर ने अपने अभिभाषण के दौरान विश्वविद्यालय के समक्ष चुनौतियों और भविष्य की कार्य योजना का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास के लिए मास्टर प्लान भी बताया। उन्होंने कहा कि फेज वाइज तरीके से डेवलपमेंट वर्क होंगे। इसके पहले फेज में नया प्रशासनिक भवन बनाने, सैदपुर कैंपस में वाणिज्य महाविद्यालय का भवन बनाने, अप्लाइड इकोनॉमिक्स एवं कॉमर्स के फैकेल्टी मेंबर्स के लिए रानी घाट के पूरब साइड में रेजिडेंशियल बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव बिहार के मुख्यमंत्री को भेजा गया है। सीनेट की बैठक में रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉक्टर एनके झा, पूर्व कुलपति एलएन राम प्रोफेसर रासबिहारी प्रसाद सिंह, कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एस आर पदमदेव समेत सीनेट मेंबर्स और विभिन्न कॉलेजों के प्रिंसिपल वह फैकेल्टी मेंबर्स उपस्थित रहे।

घाटे का बजट पेश

सीनेट हॉल में वाइस चांसलर प्रोफेसर जी के चौधरी ने 545.15 करोड़ रुपए घाटे का बजट पेश किया। इसमें सरकार से प्राप्त अनुदान और खर्चे आदि का विस्तृत विवरण पेश करने के बाद यह जानकारी दी गई। इससे पूर्व वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सिंडिकेट द्वारा पारित 568 .90 करोड़ का प्रस्तावित बजट में से आंतरिक स्त्रोत से प्राप्त 29.66 करोड़ का घटाने के पश्चात 539.24 करोड़ रुपए के घाटे का बजट प्रस्तुत किया गया था।

यूएमआईएस लागू करने पर जोर

वीसी प्रोफेसर जीके चौधरी ने बताया कि पटना विश्वविद्यालय में कार्यप्रणाली के सुधार के लिए यूएमआईएस यानी यूनिवíसटी मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत एडमिशन रजिस्ट्रेशन एग्जाम एडमिनिस्ट्रेशन अकाउंट्स और बजट शाखाओं को पूर्णता कंप्यूटराइज किया जाएगा। इससे काम में तेजी आएगी और पारदर्शीता भी बढ़ेगी।

बैठक में जताया रोष

पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट मेंबर पप्पू वर्मा ने वीसी से कहा कि यदि पटना विश्वविद्यालय फिलहाल सेंट्रल यूनिवíसटी नहीं बन पाता है तो कम से कम मॉडल यूनिवíसटी बनाने की पहल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात की चर्चा पूर्व वीसी प्रोफेसर रासबिहारी प्रसाद सिंह के कार्यकाल में भी हुई थी। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इसमें रुचि नहीं ले रहा है।

चुनाव का मुद्दा उठाया

सीनेट बैठक के दौरान उपस्थित सीनेट सदस्य आशीष सिन्हा ने वीसी से नियमित रूप से छात्र संघ का चुनाव कराने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि छात्र प्रतिनिधि स्टूडेंट्स की आवाज है। उनकी समस्याओं के बेहतर निष्पादन के लिए चुनाव नियमित रूप से हो, इसके साथ ही विश्वविद्यालय बजट में खेलकूद के लिए मद बढ़ाने और प्रोफेसर व रीडर की बहाली का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की मांग की।

ग्रेडिंग सुधारने का सुझाव

पटना विश्वविद्यालय के साइंस फैकेल्टी के लिए पीजी डिपार्टमेंट का अपना भवन अब तक नहीं है। इसकी पढ़ाई यूजी की बिल्डिंग में कराई जाती है। इसी वजह से बीते वर्ष साइंस कॉलेज को खराब नैक ग्रेडिंग मिली थी। यह मुद्दा छात्र संघ अध्यक्ष मनीष कुमार ने उठाया। उन्होंने पीजी के लिए अलग भवन बनाने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि वोकेशनल कोर्सेज के संचालन के लिए अलग बिल्डिंग बन चुकी है लेकिन अभी भी यह ट्रेडिशनल कोर्स के भवन में ही चलाया जा रहा है। इससे छात्रों को समुचित सुविधा नहीं मिल रही। इसके अलावा मगध महिला कॉलेज में फुटओवर ब्रिज बनाने की भी मांग रखी।