- 2020 से 2025 के लिए हुई योजनाओं की प्लानिंग

- 6वीं वित्त आयोग ने मांगा खर्चे का लेखा-जोखा

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क्कन्ञ्जहृन् :

आने वाले पांच सालों में पटना का चौतरफा विकास होगा। नगर निगम क्षेत्र के 275 सड़कों को पूरी तरह स्मार्ट बनाने के साथ ही पेयजल पाइप लाइन और पार्को के डेवलपमेंट पर पूरा जोर रहेगा। इसके लिए प्लानिंग को लेकर सोमवार को नगर निगम के बांकीपुर अंचल कार्यालय में आयोजित 6वीं राज्य वित्त आयोग और नगर निगम की बैठक के दौरान चर्चा हुई। कहा गया कि पटना के विकास के लिए आने वाले पांच साल में 1845.5 करोड़ रुपए का डेवलपमेंट किया जाएगा। जिसमें स्मार्ट रोड, वेस्ट मैनेजमेंट सहित निगम क्षेत्र का डेवलमेंट शामिल होगा। बैठक में पटना नगर निगम की तरफ से 2020 से 2025 के लिए बनी योजनाओं की प्लानिंग और उनके खर्च वित्त विभाग के सामने रखे गए। वित्तीय आयोग ने पटना नगर निगम के फाइनांस, टैक्स कलेक्शन और योजनाओं की स्थिति का जायजा लिया।

निगम ने दिया एक साल का लेखा जोखा

बैठक के दौरान पटना नगर निगम द्वारा वर्ष 2015-20 के दौरान 14वें वित्तीय आयोग एवं पंचम राज्य वित्तीय आयोग से प्राप्त राशि, अन्य योजनाओं से प्राप्त फंड, टैक्स कलेक्शन, आय के विभिन्न स्त्रोत, मैन पावर और योजनाओं पर प्रस्तुति दी गई। प्रेजेंटेशन के दौरान आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा होल्डिंग टैक्स बढ़ाने के लिए पटना नगर निगम क्षेत्र का बेस मैप तैयार कराने का सुझाव दिया गया। साथ ही मोबाइल टावर, विज्ञापन आदि से प्राप्त होने वाले कर में बढ़ोतरी के लिए नीति एवं विनियमन तैयार कर सरकार के पास प्रस्ताव भेजने की बात कही गई।

निगम को नहीं मिल पाई है राशि

निगमकर्मियों ने बताया कि वर्ष 2016-17 से लेकर 2018-19 तक स्वच्छता अनुदान, नाली गली योजना, प्रोफेशनल टैक्स, पार्षद भत्ता, छठ पूजा समेत विभिन्न अनुदान के तहत पटना नगर निगम को कुल 459.56 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे, मगर वर्तमान में 373.97 करोड़ रुपए की राशि लंबित है। वहीं, वर्ष 2019-20 में स्वीकृत 5वीं वित्तीय आयोग द्वारा स्वीकृत 117.16 करोड़ में मात्र 88.58 करोड़ रुपए ही पटना नगर निगम को प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत स्वच्छता अनुदान के 13.33 करोड़ रुपए, ठोस कचरा प्रबंधन (शहरी) के लिए 164.73 करोड़ रुपए, छठ पूजा के लिए 8.56 करोड़ रुपए समेत कुल 283.47 करोड़ रुपए की राशि लंबित है।

वार्ड पार्षदों ने सुनाया अपना दर्द

वित्त आयोग की टीम के सामने वार्ड पार्षद और स्थाई समिति के सदस्य डॉ। आशीष सिन्हा ने लंबित राशि भुगतान करने, वार्ड 32 की पार्षद पिंकी यादव ने पार्षद निधि में 50 लाख रुपए देने और तरुणा राय ने पार्षद भत्ता बढ़ाने की अपील की। वहीं पूर्व डिप्टी मेयर ने निगम में मैन पावर बढ़ाने की मांग की। वित्त आयोग के अध्यक्ष नवीन कुमार ने इस दौरान तारीफ करते हुए कहा कि जानकारी काफी अच्छी है। निगम का काम पे्रजेंटेशन के साथ जमीनी स्तर पर भी नजर आना चाहिए। बैठक के दौरान जलजमाव पर भी काफी देर तक चर्चा होती रही। जिसमें पार्षदों ने संप हाउस की गड़बड़ी की बात सामने लाई।