पटना (ब्यूरो)।अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही थी। दूसरी तरफ पटना में सुबह से लोग राम नाम के जयकारों के साथ सड़कों पर प्रभातफेरी निकाल रहे थे। इस उपलक्ष्य में शहर में भी अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर, लंगड़टोली स्थित भारत माता मंदिर, केसरी नगर स्थित विजय राघव मंदिर, ठाकुरवाड़ी मंदिर सहित कई मंदिरों में सुंदरकांड के पाठ, भजन कीर्तन व भंडारे का आयोजन किया गया। शहर में कई स्थानों पर एलईडी के माध्यम से अयोध्या में हो रहे कार्यक्रमों को लाइव प्रसारण किया गया। रामनवी समिति की ओर से डाकबंगाल चौराहा पर 51 हजार दीये जलाए गए। शहर के कई सामाजिक संगठनों की ओर से प्रमुख मार्गों से वाहन रैली निकाली गई। रैली में लोग जय श्रीराम के जयकारे लगाते हुए चल जा रहे थे। वाहनों पर राम पताका लहरा रही थी। रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होकर निकली। रैली का कई जगह लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

1100 दीयों से हुआ स्वागत
अयोध्या में पांच सदियों के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने दिव्य बाल स्वरूप में नये मन्दिर में प्रतिष्ठित हुए तो पटना के महावीर मन्दिर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। सोमवार सुबह से ही अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर महावीर मन्दिर में दर्शन और प्रसाद चढ़ाने के लिए भक्तों की कतार लग गयी। अयोध्या रामजन्मभूमि से महावीर मन्दिर के विशेष लगाव के कारण बड़ी संख्या में भक्त हनुमानजी के दो विग्रहों और राम दरबार के दर्शन-पूजन को पहुंचे। सोमवार देर शाम तक कुल लगभग 2 लाख से ज्यादा भक्तों दर्शन को पहुंचे। इस बीच महावीर मन्दिर में सुबह 9 बजे से सीता-राम की प्रतिमा के सामने सीताराम नाम संकीर्तन शुरू हुआ जो रात्रि 9 बजे तक चला।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण
महावीर मन्दिर परिसर जय श्रीराम के जयघोष से गूंजता रहा। महावीर मन्दिर में अयोध्या रामजन्मभूमि के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण के लिए विशाल एलईडी स्क्रीन लगाया गया था। महावीर मन्दिर परिसर में बड़ी संख्या में भक्त दिनभर अयोध्या के पूरे कार्यक्रम के लाइव प्रसारण देखा। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद दोपहर 2 बजे से महावीर मन्दिर में आए भक्तों के बीच हलवा प्रसाद का वितरण किया गया। शाम 6 बजे से महावीर मन्दिर प्रांगण में दीप उत्सव मनाया गया। महावीर मन्दिर की ओर से मन्दिर प्रांगण में 1100 दीये जलाए गये। इस अवसर पर लगभग 9 हजार किलो नैवेद्यम की बिक्री हुई।