-सफाई के लिए विदेश से भी मंगाई है हाईटेक गाड़ी

-हर अंचल में हैं कूड़ा उठाने वाले ऑटो टीपर

PATNA(13Jan):

राजधानी को साफ-सुथरा रखने के लिए पटना नगर निगम खूब खर्च कर रहा है। नई-नई गाडि़यां खरीदी गई। यहां तक कि विदेशों से भी हाईटेक गाडि़यां मंगाई गई। इन गाडि़यों को चलाने के लिए डीजल और पेट्रोल पर हर माह 3 करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद राजधानी को साफ रखने में पटना नगर निगम फेल दिख रहा है।

1757 गाडि़यां भी नाकाफी

वर्तमान में नगर निगम के बांकीपुर अंचल, पाटलिपुत्र अंचल, नूतन राजधानी अंचल, कंकड़बाग अंचल और अजीमाबाद अंचल में कुल 1757 गाडि़यां सफाई के काम में लगी हैं। जिसमें कचरा कलेक्शन के लिए 375 क्लोज टीपर (मोहल्ले के लिए), 155 ओपन टीपर (इंडस्ट्रीज एरिया के लिए) और 182 ई-कार्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इन गाडि़यों का काम कूड़ा को वार्ड से उठाना और डंपिंग यार्ड तक पहुंचाना है।

तेल पर हर माह कहां कितना खर्च

नूतन राजधानी अंचल - 92.25 लाख

क्लोजर टीपर- 78

ओपेन टीपर-22

पाटलिपुत्रा अंचल- 58 लाख खर्च

क्लोजर टीपर- 80

ओपेन टीपर-26

बांकीपुर अंचल- 69.72 लाख

क्लोजर टीपर- 60

ओपेन टीपर-31

पटना सिटी अंचल - 33.29 लाख

क्लोजर टीपर- 40

ओपेन टीपर-16

अजीमाबाद अंचल - 35.25 लाख

क्लोजर टीपर- 60

ओपेन टीपर-26

कंकड़बाग अंचल - 45 लाख

क्लोजर टीपर- 55

ओपेन टीपर-29

स्वपिंग मशीनों पर 90 लाख खर्च

सड़कों की साफ-सफाई के लिए स्वीपिंग मशीन भी चलती है। यह मशीन रोड की धूल को साफ करती है। नगर निगम के पास अभी 7 मशीनें है जिसके मेंटेनेंस पर हर माह 90 लाख रुपए खर्च किए जाते है। इसके बावजूद राजधानी की कुछ सड़कों को छोड़कर बाकी गंदी ही दिखती है।

निगम की गाडि़यां हर इलाके में जाकर कूड़ा कलेक्ट करती हैं। निगम के साथ-साथ लोगों को भी सफाई के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।

-शीला ईरानी, अपर नगर आयुक्त (सफाई)