-पुलिस की पूछताछ में शराब माफिया ने किया बड़ा खुलासा

क्कन्ञ्जहृन्: सीवान जिले के पिपरहिया गांव के सामान्य परिवार में रहने वाला अरुण सिंह यूं ही नहीं बिहार का सबसे बड़ा शराब माफिया बन गया। 5 वर्ष पूर्व थाने स्तर की दलाली और पाकेटमारी करने वाला अरुण पुलिस की अवैध वसूली का शिकार बन गया। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद अरुण थाने की हेराफेरी छोड़ शराब के कारोबार से जुड़ गया। इसके बाद अरुण का कारोबार सीवान से बढ़कर बिहार के दर्जनों जिलों में फैलने लगा। पुलिस का संरक्षण मिला तो अरुण बिहार का सबसे बड़ा शराब माफिया बन गया। बिहार पुलिस को लंबे समय से शराब माफिया अरुण सिंह की तलाश में थी। आखिरकार शुक्रवार को पुलिस ने मशकर से अरुण उर्फ अनिरूद्ध सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस करती थी मदद

एसपी ने बताया कि अरुण ने स्वीकार किया है कि हरियाणा सीमा से सटे क्षेत्रों में शराब लाने के काम में दर्जनों पुलिसकर्मी उसका सहयोग करते थे। इसके एवज में शराब माफिया इन पुलिस कर्मियों को मोटी रकम देता था। इसके अलावा बिहार के अन्य जिलों में भी कई विभागीय कर्मियों की कार्यशैली की संदेह के घेरे में है। जिनकी जांच कराई जाएगी। एसपी ने बताया कि दोषियों को किसी भी कीमत में बक्शा नहीं जाएगा।

छुड़वा लेता था शराब से भरा ट्रक

माफिया का बिहार सहित यूपी और हरियाणा में इतना काकश था कि कोई भी अधिकारी उसके शराब के ट्रकों को पकड़ने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था। माफिया ने बताया कि करीब 15 से अधिक बार उसके शराब से भरे ट्रक पकड़े गए थे, लेकिन वह प्रभावकारी नेताओं और अफसरों से फोन करवाकर छुड़वा लेता था। इस तरह वह धीरे-धीरे बिहार का सबसे बड़ा शराब माफिया बन गया। शराब माफिया पर बिहार और उत्तर प्रदेश में छोटे व बड़े मिलाकर कुल 50 से अधिक आबकारी के मुकदमें पंजीकृत हैं। इसके बावजूद शराब माफिया लगातार पुलिस के आंखों में धूल झोंककर शराब का कारोबार करता रहा है।

प्रदेश में हरियाणा से शराब लाकर व्यापक स्तर पर अरुण सिंह तस्करी करता रहा है। इसकी बिक्री बिहार के विभिन्न जिलों में की जाती रही है।

-हर किशोर राय, एसपी, सारण