PATNA: पटना यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) का चुनाव परिणाम बुधवार को घोषित हो गया। अभय कुमार जनरल सेक्रेटरी और शेफाली रॉय वाइस प्रेसिडेंट के पद पर विजयी रहीं। इससे पहले प्रेसिडेंट के पद पर रणधीर कुमार सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर इरशाद अली और अमिता जायसवाल को निर्विरोध चुना गया है।

बुधवार सुबह से ही पूटा चुनाव की रौनक देखते ही बन रही थी। यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक वोटिंग करने के लिए आने लगे थे। व्हीलर सीनेट हॉल में संपन्न हुए चुनाव की सबसे बड़ी और खास बात यह रही कि शिक्षकों की संख्या कम होने के बावजूद चुनाव के दिन जोश दिखा और करीब 90 से 9भ् प्रतिशत तक वोटिंग हुई। जबकि चुनाव के एक हफ्ते पहले तक ऐसा अनुमान किया जा रहा था कि वोटिंग बहुत कम होगी। पूर्व महासचिव अनिल कुमार के चुनाव से अलग रहने और प्रेसिडेंट सहित दो पदों पर चुनाव पहले ही तय हो जाने के कारण इस बात का अंदेशा गहरा रहा था। पूरा चुनाव बैलेट से संपन्न किया गया।

किसे कितना वोट मिला

बुधवार को वोटिंग मात्र दो पदों पर होनी थी। जनरल सेक्रेटरी और वाइस प्रेसिडेंट। जनरल सेक्रेटरी के पद के लिए डॉ शिवसागर और डॉ अभय आमने-सामने थे। इसमें करीब ख्70 वोट पडे। एक वोटर जनरल सेक्रेटरी के लिए दो और वाइस प्रेसिडेंट के लिए एक वोट डाल सकता था। डॉ शिवसागर को केवल 9फ् वोट मिले जबकि डॉ अभय को क्म्म् वोट मिले। चार वोट अमान्य रहा। इस प्रकार डॉ अभय ने 7फ् वोट की बढ़त के साथ विजय प्राप्त की। जबकि विजयी प्रत्याशी डॉ शेफाली राय को क्98 वोट मिले जबकि डॉ एमपी त्रिवेदी को क्फ्ब् वोट।

मुद्दे जो कायम हैं

यह चुनाव हर दो वर्ष पर सामने आता है और समय के साथ एजेंडे बदलते रहते हैं। लेकिन एक एजेंडा ऐसा है जो कि इससे पहले के चुनाव में भी था और इस बार भी प्रमुखता से शिक्षकों के सामने रहा। करीब क्00 से अधिक शिक्षकों का प्रमोशन लंबित है। 7वां वेतन आयोग को लागू करने, कैंपस को शिक्षकों व छात्रों के लिए सुरक्षित बनाना, सशक्त स्वास्थ्य बीमा को लागू कराना, शिक्षकों की कमी और नियुक्ति प्रक्रिया में देरी के मद्देनजर रिटायरमेंट एज को बढ़ाने सहित शिक्षकों के तमाम पदों को अविलंब भरने की मांग शामिल है।

प्रमोशन का मामला सबसे बड़ा

चुनाव तो संपन्न हो गया है लेकिन नई टीम के लिए जो चुनौतियां हैं वह एक लंबे अर्से से लंबित है। पटना यूनिवर्सिटी के करीब क्00 शिक्षकों के प्रमोशन का मामला लंबित है। इस बारे में पूर्व वाइस प्रेसिडेंट रहे एमपी त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने बॉटनी विभाग में क्987 में शिक्षक के रूप में ज्वाइन किया था। तब वे लेक्चर थे और अब एसोसिएट प्रोफेसर। जबकि उनकी ही छात्रा डॉ मीना कुमारी वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। उन्होंने क्99म् में ज्वाइन किया था।

सर्विस रूल तो लागू हो

यह विडंबना ही है कि अभी तक शिक्षकों के लिए सर्विस रूल लागू नहीं किया गया है। इस बारे में पूटा के पूर्व जनरल सेक्रेटरी प्रो। एसबी लाल ने कहा कि वेतनमान लागू है लेकिन सर्विस रूल नहीं। ऐसे में जब यह तय ही नहीं कि एक शिक्षक एक दिन में कितनी क्लासेज लेगा और उसकी और क्या जिम्मेदारियां होगी, तो वह क्या योगदान करेगा। दूसरी समस्या है कि ख्00भ् के बाद पेंशन लागू नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि कोई एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के लिए जाता है तो कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

कोट

सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षकों के प्रमोशन का है। जब तक इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। शिक्षण कार्य में भी बाधा आती रहेगी।

- जेडी मिश्रा, प्राचीन इतिहास विभाग पीयू

पीयू के पुराने गौरव को वापस लाने के लिए कई सुधारों की जरूरत है। शिक्षकों के प्रति भी समुचित ध्यान देने की जरूरत है।

-एनके पांडे, वाणिज्य महाविद्यालय, पीयू

शिक्षकों के कल्याण को उपेक्षित किया जा रहा है। क्या यह संभव है कि मात्र ख्ब्00 रूपये के मेडिकल एलाउंस में इलाज संभव है।

- प्रो। एसबी लाल, एक्स जनरल सेक्रेटरी

पीयू की नई टीम

रणधीर कुमार सिंह, (समाजशास्त्र विभाग) प्रेसिडेंट

अभय कुमार, (पीजी रसायन शास्त्र विभाग) जनरल सेक्रेटरी

शेफाली राय (राजनीति शास्त्र विभाग ) वाइस प्रेसिडेंट

इरशाद अली (रसायन शास्त्र विभाग) ज्वाइंट सेक्रेटरी

अमिता जायसवाल (दर्शनशास्त्र विभाग) ज्वाइंट सेक्रेटरी

दिनेश प्रसाद पटेल (एआइएच एंड आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट) ट्रेजरर