-कुलपति-प्रतिकुलपति सम्मेलन को सीएम नीतीश कुमार ने किया संबोधित

PATNA: मंगलवार को राजभवन में कुलपति-प्रतिकुलपति सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें प्रेजेंटेशन से वर्क प्लान बताया गया। शिक्षा में गुणवत्ता, वित्तीय अनुशासन, कैलेंडर अनुपालन, कॉलेजों में शिक्षकों की पांच घंटे की उपस्थिति अनिवार्य करने पर बल दिया गया। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटीज विकास के लिए नीति बनेगी। शिक्षा में बिहार को फिर ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य है। यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में टीचर्स की कमी जल्द दूर की जाएगी। उच्च शिक्षा में बिहार के ग्रास एनरालमेंट रेशियो फ्0 परसेंट करना है। सीएम ने कहा कि एकेडमिक कैलेंडर को प्राथमिकता देनी होगी। सही अनुपालन से स्टूडेंट्स को नेशनल लेवल पर प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। देश के किसी कोने में चले जाइए, बिहार के छात्र काफी संख्या में मिलेंगे। नालंदा यूनिवर्सिटी फिर से आकार ले रहा है। कॉलेजों में टीचर्स की कमी दूर करने के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग बनाने का निर्णय लिया गया है।

यूनिवर्सिटीज को करें विकसित

तमाम सुझावों को लेकर कुलाधिपति कार्यालय द्वारा जल्द कॉमन वर्क प्लान जारी किया जाएगा जिस पर सभी विश्वविद्यालयों को अमल करना होगा। राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि विद्यार्थियों की आशाओं एवं जरूरतों के अनुरूप विश्वविद्यालयों को विकसित करना है। नालंदा एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक तथा शैक्षणिक विरासत वाले बिहार में उच्च शिक्षा की गरिमा की पुनस्र्थापना आवश्यक है।

बेहतर कार्य करने वाले वीसी होंगे पुरस्कृत

गवर्नर ने कहा, विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता विकास के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के उद्देश्य से 'कुलाधिपति सम्मान' प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। बेहतर कार्य करने वाले कुलपति व प्रतिकुलपति पुरस्कृत भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा, दीक्षांत समारोहों के लिए देसी परिधानों की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव, सीनेट-सिंडिकेट की बैठक के अलावा खेलकूद, एनसीसी तथा एनसएस गतिविधियों को तेज करने पर बल दिया। शिक्षा मंत्री डॉ.अशोक चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बहाल रखने के लिए सरकार संकल्पित हैं। विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। शिक्षकों की पांच घंटे नियमित उपस्थिति, परीक्षाओं के सख्ती से संचालन, नैक मूल्यांकन आदि अनिवार्य है। उन्होंने अनुशासन एवं पठन-पाठन नियमित रूप से सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।