-पैरवीकार मिले तो आगे लड़ सकते हैं लड़ाई

PATNA/SIWAN: एक्स एमपी मो। शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद तेजाब कांड में तीन बेटे को खो चुके चंद्रकेश्वर उर्फ चंदा बाबू असहाय दिख रहे हैं। शुक्रवार को चंदाबाबू ने कहा कि अब इतनी साम‌र्थ्य नहीं है कि इस लड़ाई को आगे ले जा सके। वह कहते हैं कि कानून अंधा होता है, यह साबित हो चुका है। यह पूछे जाने पर कि अगर उनकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट में कोई करे तो क्या वे यह लड़ाई आगे ले जाएंगे। लेकिन अब उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वे दौड़-धूप कर इस लड़ाई को आगे ले जाएं। ज्ञात हो कि तेजाब कांड में दो सगे भाइयों की हत्या के के मुख्य गवाह राजीव रोशन की हत्या क्ब् जून ख्0क्ब् को डीएवी मोड़ के पास गोली मार कर दी गई थी। इस कांड से एक्स एमपी मो। शहाबुद्दीन को भी जोड़ा गया था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई है।

स्वागत में भरे गए सड़क के गड्ढे

दूसरी ओर एक्स एमपी मो। शहाबुद्दीन के स्वागत में उनके गांव प्रतापपुर में जोरदार तैयारी चल रही है। गांव जाने वाली सड़क पर गड्ढों को भरा जा रहा है। टेढ़ी घाट से पश्चिम जाने वाली सड़क टिकरी गांव तक लगभग तीन किमी वर्षों से जर्जर है। जिसपर पैदल चलना भी मुश्किल है। यह सड़क शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर को जोड़ती है। शुक्रवार को हबीबनगर के मुखिया हरेराम यादव और अन्य ने इसकी मरम्मत कराई। गड्ढे को भरवाया। मुखिया ने बताया कि साहब के आगमन को देखते हुए सड़ककी मरम्मत कराई जा रही है। मौके पर ओमप्रकाश यादव, डॉ। पंकज, प्रदीप तिवारी, राजेश यादव, तीमल, राजू, राजकुमार और मुन्ना पासवान आदि मौजूद थे।

इंतजार में भारी पड़ रहे हर पल

दशक बाद मो। शहाबुद्दीन की जमानत की खबर मिलते ही उनकी बेगम हिना के लिए हर पल भारी पड़ रहे हैं। घर में देखने की बेकरारी बढ़ती जा रही है। एक्स एमपी प्रतापपुर में क्फ् साल बाद अब्बू और मम्मी के साथ बकरीद की खुशियों में शरीक होंगे। बेटा ओसामा शहाब विदेश में कानून पढ़ रहा है। बड़ी बेटी हेरा शहाब दूसरे स्टेट में एमबीबीएस कर रही है। ये दोनों बकरीद में शरीक नहीं हो पाएंगे, लेकिन छोटी बेटी तस्नीम शहाब अपनी मम्मी को छोड़ ही नहीं रही है। सिवान शहर के नया किला मोहल्ले की रंगत बदल रही है। हर तरफ शनिवार को एक्स एमपी के आने की चर्चा है। लोग उनसे मिलने को बेताव हैं। ग्रामीण अपने घर के सामने सफाई करने में जुटे हैं।