- रियलटी चेक में कई लोगों को जानकारी ही नहीं

- तमाम माइक्रो कंटेनमेंट जोन में संक्रमित लोग, लेकिन स्थानीय लोग ही अनजान

<- रियलटी चेक में कई लोगों को जानकारी ही नहीं

- तमाम माइक्रो कंटेनमेंट जोन में संक्रमित लोग, लेकिन स्थानीय लोग ही अनजान

PATNA :

PATNA :

पटना में अब तक क्ख्ख् माइक्रो कंटेनमेंट जोन बने हैं और ये उन इलाकों में मौजूद हैं जहां सघन आबादी है, बाजार है और भीड-भाड़ भी। लेकिन अवेयरनेस की बात करें तो इसका घोर अभाव है। न तो इसके लिए प्रचार गाड़ी से संबंधित इलाके में कोई सूचना या जागरूकता अभियान चलाई गई है और न ही उस संबंधित इलाके जहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन बने है वहां इसके लिए कोई साइनेज या बोर्ड उस संबंधित इलाके है। मतलब साफ है जहां पर कंटेनमेंट जोन है वहां पर प्रशासन और लोग सतर्क नहीं है। यह बात दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आई है। पेश है रिपोर्ट।

जहां घोषणा वहां स्टीकर ही नहीं

माइक्रो कंटेनमेंट जोन की जिन जगहों पर जिला प्रशासन के पास लिस्टिंग है, वहां पर इसके लिए संबंधित घर, संपर्क के स्थान या जहां इसके नजदीक की बेहतर विजिबिलिटी वाले वाल पर इसकी मार्किंग की जानी चाहिए। लेकिन जिन इलाकों में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम गई वहां पर इसका अभाव दिखा। टीम ने संबंधित इलाके के लोगों से बातचीत की। उनसे दो सवाल पूछे गए। पहला, क्या आपको जानकारी है कि यहां पर कंटेनमेंट जोन है? दूसरा, क्या यहां पर प्रशासन की ओर से कोई प्रचार गाड़ी जो लोगों को अलर्ट कराते हों, वैसी कोई व्यवस्था आपने देखा ? दोनों ही प्रश्नों के जबाव ना में मिले। सिर्फ यहीं नहीं जिस माइक्रो कंटेनमेंट जोन की घोषणा शुक्रवार की देर शाम को की गई थी, उसका स्टीकर शनिवार की शाम तक भी नहीं चिपकाया गया था। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। स्थानीय लोगों ने इसके बारे में जानकारी नहीं होने बात कही।

क्। इंदिरा नगर, पोस्टल पार्क

यहां पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम शनिवार की फ्.फ्0 बजे पहुंच गई। टीम ने पूरे इलाके का विजिट किया। स्थानीय लोगों से बातचीत भी की। इस दौरान किसी को यह जानकारी नहीं थी कि प्रशासन ने उनके इलाके में किसी के घर को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। इसका निशान भी नहीं दिखा।

- मैं यहां रहता हूं और यहां न तो अवेयरनेस के लिए कोई प्रचार गाड़ी ही आई। इस इलाके में कोई कंटेनमेंट जोन है, ऐसी जानकारी नहीं है।

- साहेब सिंह, इंदिरा नगर, पोस्टल पार्क

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ख्। विनोबा पथ, पोस्टल पार्क

यह पोटल पार्क का एक ऐसा इलाका जो लेन जैसा है। जिसमें आस-पास सभी पुराने बसे लोग है और एक -दूसरे को जानते हैं। लेकिन यहां पर भी जिला प्रशासन की लिस्ट के मुताबिक कंटेनमेंट जाने घोषित है। लेकिन यहां भी न तो स्टीकर दिखा और न ही लोगों के इसकी जानकारी मिली कि कंटेनमेंट जोन किस बिल्डिंग को बनाया गया है।

यहां इस बार कंटेनेमेंट जोन बनाने जाने की कोई जानकारी नहीं है। यहां बीते साल यहां जरूर एक कंटेनमेंट जोन बना था। तभी सभी को इसके बारे में पता था।

- नन्हें

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फ्। चिरैंयाटाड़, हनुमान मंदिर

यहां सघन आबादी है और सड़क के किनारे ही बड़ा बाजार है। इस जगह का नाम भी कंटेनमेंट जोन में शामिल है। लेकिन यहां भी कहीं स्टीकर लगाया गया नहीं दिखा और न ही स्थानीय लोगों ने ही इस बात की पुष्टि की। स्थानीय नागरिक अमर यादव ने बताया आप लिस्ट की बात करते हैं यहां तो इसके बारे में स्थानीय लोगों को ही जानकारी नहीं है।

यहां यदि कंटेनमेंन जोन बनाया गया होता पूरे मुहल्ले को जानकारी होती। किसी एक व्यक्ति से इसकी जानकारी नहीं लेनी पड़ती। बेहतर होता यह सवाल प्रशासन से की जाती।

- महेश कुमार