पेशेंट के परिजनों की कंप्लेन के बाद रेलवे मिनिस्टर ने पीएमसीएच से बाहर इलाज कराने को कहा था

PATNA: राजधानी ट्रेन हादसे के बाद बिहार सरकार की खूब फजीहत हुई। किरकिरी हुई। असम के उन मरीजों के इलाज में बरती गई कोताही ने पूरी व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा और असम के हेल्थ मिनिस्टर दोनों जब घायलों को देखने पीएमसीएच आए, तो परिजनों ने उनसे पीएमसीएच की खराब स्थिति की कंप्लेन की थी। हेल्थ मिनिस्टर ने तभी साफ कर दिया कि अब घायलों का इलाज पीएमसीएच में नहीं कराएंगे, उन्हें दूसरे हॉस्पीटल में ले जाया जाएगा। यही हुआ भी। अभी चार घायलों का इलाज पारस हॉस्पीटल में चल रहा है और दो का रेलवे हॉस्पीटल में। इन हॉस्पीटलों में इलाज का खर्च रेलवे उठा रहा है।

पेट में जम गया है खून

शिवाली शर्मा जिनकी बाएं छाती की कई हड्डियां टूट गई हैं, रीता नाथ जिनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है और अचिंता शाकिया जो डबल पेसमेकर लगवाकर दिल्ली से लौट रहे थे व आशना जिसकी पैर की हड्डी कई जगहों से टूटी थी और पेट में खून भी जम गया था, का इलाज पारस हॉस्पीटल में चल रहा है। ट्रेन हादसे की शिकार चमेली देवी व उनके पति मेवालाल का इलाज रेलवे हॉस्पीटल पटना में चल रहा है। मेवालाल रिटायर रेलवे इंप्लाई हैं। उनका पैर फ्रैक्चर हो गया है, जबकि उनकी पत्नी चमेली देवी को ब्रेन कंट्रयूजन है।