पटना (ब्यूरो)। आज सावन शुक्ल उदयगामिनी पूर्णिमा में भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा। तिथि और भद्रा की वजह से लोग 11 व 12 अगस्त को लेकर भ्रम में थे। कई पंचांगों में 11 अगस्त को राखी का पर्व होने से कुछ लोग कल गुरुवार को भी राखी मनाएं। उदयातिथि में पूर्णिमा होने व भद्रा का साया नहीं होने से आज पुरे दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। पूर्णिमा गुरुवार की सुबह 09:43 बजे से ही शुरू हो गया परंतु उसी समय से भद्रा भी आरंभ हो गया। जो कल रात्रि 08:25 बजे खत्म हुआ। धर्म शास्त्र के मतानुसार यदि दिन में शुभता मिल रही हो तो यथासंभव रात्रिकाल में निषेध करना समीचीन होता है। इसीलिए आज पूरे दिन बहने अपने भाई को स्नेह की राखी बांधेगी।

सिद्ध योग में रक्षाबंधन आज
आचार्य राकेश झा ने कहा कि आज सावन मास की पूर्णिमा तिथि, शुक्रवार दिन, धनिष्ठा नक्षत्र, बव करण व सौभाग्य योग के साथ पुण्यकारी सिद्ध योग के होने से अद्भुत संयोग बन रहा है। इस योग में राखी बांधने से सौभाग्य व ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा रहित काल में ही राखी बांधना शुभ होता है। भद्रा में इस पर्व को मनाने से कई तरह के बाधाएं उत्पन्न होने लगती है।

भाद्रपद में गणेश करेंगे सृष्टि का संचालन
सावन के आरंभ से भगवान शिव भूलोक पर ही निवास कर रहे थे और आज सावन के अंतिम दिन पूर्णिमा को अपने धाम कैलाश को लौट जायेंगे। अब भाद्रपद मास में सृष्टि का संचालन विध्नहर्ता भगवान गणेश करेंगे। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी 31 अगस्त को चित्र नक्षत्र व शुक्ल योग में गणपति उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।