PATNA : राजद के निलंबित विधायक राज वल्लभ यादव की जमानत रद कराने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। विदित हो कि शुक्रवार को ही नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी नालंदा के निलंबित विधायक यादव को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। जमानत के फैसले का राज्य सरकार के विधि सलाहकार अध्ययन कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के सामने लायी जाएंगी ये त्रुटियां

--जिस न्यायाधीश ने पहले राज वल्लभ यादव की जमानत पर (क्रिमनल मिसलेनियस केस नं.9म्क्8/ख्0क्म्) सुनवाई की थी, उसी अदालत में उनके मामले पर सुनवाई क्यों नहीं हुई? दूसरे न्यायाधीश की अदालत से जमानत याचिका वापस ले लेने के आधार पर याचिका खारिज कर दी गई थी।

-- महिला थानाकांड संख्या (क्भ्/ख्0क्म्) में सहअभियुक्त संदीप कुमार उर्फ पुष्पांजय की जमानत हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थी। जबकि वह सहअभियुक्त था और राज वल्लभ मुख्य अभियुक्त।

--हाईकोर्ट की पीठ ने नालंदा की अदालत को दुष्कर्म से जुड़े केस की शीघ्र सुनवाई पूरी कर ट्रायल को निष्पादित करने का निर्देश दिया था।

--अन्य अभियुक्तों टुसी देवी एवं छोटी कुमारी के मामले में हाईकोर्ट की एक बेंच ने ट्रायल के स्टेज के बारे में जानकारी मांगी थी। उन दोनों पर दुष्कर्म में सहयोग करने का आरोप है।

--नालंदा की अदालत में स्पीडी ट्रायल चल रहा है । यहां तक कि पीडि़ता ने धारा क्म्ब् की गवाही में यादव का नाम लिया है। गवाही में वह कई बार कह चुकी है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। ऐसे मामले में अभियुक्त को जमानत दिया जाना न्यायोचित नहीं है।

--जमानत मिलने से प्रभावशाली अभियुक्त ट्रायल को प्रभावित कर सकता है। पीडि़ता की जानमाल की सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

--राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में निलंबित विधायक के आपराधिक इतिहास की जानकारी देगी।

इसके अतिरिक्त कुछ अनछुए पहलुओं की जानकारी भी सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी।