- बगहा के भितहा में गंडक नदी के तेज कटाव के कारण पीपी तटबंध पर बढ़ा खतरा

- समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर मुक्तापुर स्टेशन के पास ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ने से कई ट्रेनें कैंसिल

PATNA: प्रदेश की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। वे खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। इससे कटाव का खतरा बढ़ गया है। मंगलवार को वाल्मीकिनगर में गंडक बराज से एक लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पश्चिमी चंपारण में बगहा के भितहा में गंडक नदी के तेज कटाव के कारण पीपी तटबंध पर खतरा मंडराने लगा है। वहीं समस्तीपुर-दरभंगारेलखंड पर मुक्तापुर स्टेशन के पास ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है।

लगातार बढ़ रहा जलस्तर

मंगलवार को पिपरा-पिपरासी तटबंध के चंदरपुर तटबंध के पास किया गया निर्माण क्षतिग्रस्त हो गया। मधुबनी के मधवापुर में बाढ़ का पानी उतरते ही अंदौली के समीप धौंस नदी के टूटे सुरक्षा तटबंध का निर्माण शुरू कर दिया गया है। वहीं मुजफ्फरपुर में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को बूढ़ी गंडक का जलस्तर 53.52 मीटर रहा, जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर निर्धारित है। इसका असर शहर के निचले इलाकों में देखा जा रहा है। करीब एक दर्जन मोहल्लों में पानी लगा है। इन इलाकों में नावें चल रही हैं। बागमती और गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से कम रहा।

कोसी भी उफन रही

वहीं खगडि़या के बेलदौर में कोसी नदी उफान पर है। मंगलवार को खगडि़या के बलतारा में कोसी खतरे के निशान से 97 सेमी ऊपर बह रही थी। हालांकि पिछले कई दिनों से कोसी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उफनती कोसी बांध-तटबंध के अंदर तेजी से गांवों का भूगोल बदलने का प्रयास कर रही है। वहीं कटाव रोकने को प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है।