- टै्रफिक पुलिस की लापरवाही से मरीजों की जान पर आई

- शहर की लाइफ लाइन पर फंसे रहे स्कूली बच्चे

PATNA : जल्दबाजी के चलते अक्सर जाम लगने की शिकायतें आम हैं। बाइक सवार हों या फिर कार और ऑटो चालक जहां पर जगह दिखाई देती है, वहीं से वाहन को निकालने की कोशिश की जाते है। इसका परिणाम से होता है कि जाम लग जाते हैं। बुधवार को अनुमंडल क्षेत्र की लाइफ लाइन कहलाने वाली सड़क अशोक राजपथ पर दोपहर से लेकर शाम तक भीषण जाम लगा रहा। जिसमें एंबुलेंस और स्कूली वाहन फंस गए। जानकारी होने पर अभिभावक मौके पर पहुंचे और अपने अपने बच्चों को पैदल और बाइकों से लेकर गए।

दो किमी लम्बा लगा जाम

सुलतानगंज थाना अन्तर्गत महेन्द्रू से लेकर त्रिपोलिया के बीच करीब दो किलोमीटर तक जाम में सैकड़ों वाहन फंस गए। इस जाम के शिकार स्कूली छात्र भी हो गए। बच्चे लेट हुए तो चालक और परिचालकों पर अभिभावकों के फोन आने शुरू हो गए। सभी को चिंता थी कि आखिर बच्चे अभी तक स्कूल से कैसे नहीं आए। जानकारी होने पर बच्चों की मम्मियां भी पहुंची।

पुलिस रही नदारद

लाइफ लाइन कहे जाने वाले मार्ग पर यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए कोई भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। जिसका खामियाजा एंबुलेंस पर सवार मरीज को भुगतना पड़ा। जाम में फंसे वाहनों को नियंत्रित करने को मौके पर कोई पुलिस कर्मी नजर नहीं आया।

दुकानदारों ने संभाली व्यवस्था

अशोक राजपथ किनारे के कुछ दुकानदारों एवं लोगों व्यवस्था को संभाला। जगह-जगह मोर्चा संभाल कर जाम को खुलवाया। लोगों ने बताया कि सुबह से ही सुलतानगंज थाना क्षेत्र के अशोक राजपथ पर जाम लगने लगता है। इसकी वजह सड़क किनारे अतिक्रमण व अवैध कब्जा है। दोपहर में स्कूलों की छुट्टी होने पर यह समस्या गंभीर हो जाती है। संकीर्ण हुए अशोक राजपथ पर निजी स्कूलों की बड़ी बसों का परिचालन होने से हर दिन स्कूली बच्चों, वाहन चालकों, यात्रियों, राहगीरों को जाम की समस्या झेलनी पड़ती है। जाम से बचने के लिए बाइक सवारों ने गलियों की ओर रुख कर लिया। बड़ी मुश्किल के बाद ही लोगों को जाम से निजात मिली। आए दिन का यही हाल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात पुलिस को यहां पर मुस्तैद रहना होगा। तभी जाम से निजात मिल सकेगी।