शहर को नहीं मिल रही पॉल्यूशन से मुक्ति, सुंदरता पर लग रहा ग्रहण

- जिम्मेदारों को नहीं दिखते खुले में पड़े बिल्डिंग मैटेरियल

- अभियान चलाकर होती है खानापूर्ति, मॉनिटरिंग की है कमी

PATNA :

पॉश इलाका हो या ग्रामीण क्षेत्र हर इलाके में सरकारी से लेकर निजी स्तर तक निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसके लिए यूज हो रहे मैटेरियल्स सड़क पर ही खुले में रखे हुए दिख रहे हैं जो आसपास से गुजर रहे लोगों के लिए परेशानी का सबब तो बन ही रहे हैं, साथ ही पर्यावरण को भी गंदा कर रहे हैं। खुले में पड़े ये बिल्डिंग मैटेरियल्स पटना की हवा को जहरीला करने में अपना योगदान दे रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि निर्माण कर रहे लोगों या एजेंसी के लिए नियम नहीं बने हैं, लेकिन नियमों का पालन करना न बिल्डिंग बनाने वाले जरूरी समझते हैं और न ही इन नियमों का पालन कराने वाले ही इसको लेकर गंभीर दिखते हैं।

नियम की चिंता नहीं

शहर को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कई योजनाएं बनने के बाद भी प्रदूषण पर लगाम नहीं लग पा रहा है। कभी खुले में कचरा जलाने तो कभी सड़क पर बिल्डिंग मैटेरियल्स से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। लगातार शिकायत के बाद खानापूर्ति के लिए कभी-कभार प्रशासनिक स्तर पर अभियान चलाकर कार्रवाई होती है, लेकिन कुछ दिन बाद हालात फिर वैसे ही हो जाते हैं। मुख्य सड़क हो या फिर गली मोहल्ले न तो भवनों को ढककर निर्माण होता है न ही निर्माण सामग्री को ही ढक कर रखा जाता है। बल्कि खुलेआम सड़क पर बालू गिट्टी और अन्य सामग्री कई दिनों तक पड़ी रहती है।

कार्रवाई का डर नहीं

शहर के प्रदूषण को कम करने के लिए कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन की तरफ से अभियान चलाया गया है। हजारों रुपए जुर्माने के रूप में भी वसूले गए हैं लेकिन लोगों ने ना सुधरने की कसम खा ली है। नियमों को ताक पर रख कर बिना किसी डर से धड़ल्ले से निर्माण किया जाता है। यहां तक कि कई जिम्मेदार विभाग के भवन के सामने ही बिल्डिंग मैटेरियल खुले में रखकर कार्य होते हैं।

दंड का भी है प्रावधान

सार्वजनिक स्थानों पर या सड़क पर निर्माण सामग्री रखने पर नगर निगम द्वारा 1500 रुपए दंड का प्रावधान है। नगर निगम का कहना है कि धावा दलों की ओर से ये जुर्माना लगाया भी जाता है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि भवन निर्माण अपशिष्ट सामग्री नियम 2016 के तहत इस पर कार्रवाई करने का आदेश दिया जाता है। जिला प्रशासन के साथ मिल कर कई बार इन पर कार्रवाई भी की गई है। बोर्ड के पीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ऑनलाइन कई ऐसी शिकायतें मिली है। शिकायतों के आधार पर संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया जाएगा।

हर गली मोहल्ले में यही हाल

राजीव नगर का इलाका हो या कंकड़बाग या फिर अनिसाबाद या अंबेदकर चौक का इलाका या फिर मुख्य सड़क हर जगह ये नजारा खुलेआम नजर आता है। विभाग भी तब ही जागते हैं जब शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है और हाई लेवल से कार्रवाई के सख्त निर्देश मिलते हैं।

इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जो भी ऐसा करते हैं उनपर उचित कार्रवाई होगी। कार्यपालक पदाधिकारियों को भी अंचल में जांच करने के निर्देश दिए जाएंगे।

- हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त पटना नगर निगम