पटना (ब्यूरो)। मातृभूमि भारतम मातृभाषा संस्कृतम् के उद्घोष से जनपद संस्कृत सम्मेलन की शुरुआत हुई। जनपद संस्कृत सम्मेलन का आयोजन राजकीय संस्कृत महाविद्यालय राजेंद्र नगर पटना के सभागार में कृतित्व भारद्वाज और गिरधारी कुमार के मंगलाचरण के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर से आए संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख देव पुजारी, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ उमेश शर्मा और राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन एवं मां भारती- मां सरस्वती को माल्यार्पण कर किया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख देव पुजारी ने कहा कि संस्कृत भाषा केवल भाषा ही नहीं यह जीवनशैली भी है। संस्कृत में संस्कृति है जो पूरे देश को जोड़ सकती है। राष्ट्र को एक सूत्र में जोडऩे वाली भाषा संस्कृत ही मानी गई है । इसका विस्तार और व्यापकता दूर तक फैला है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व में भारत छोड़कर अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जहां संस्कृत सीखने की ललक सबसे ज्यादा देखी गई है। वैसे थाईलैंड रूस अभी वर्तमान समय में संस्कृत सीखने के लिए अनुकूल है। कुवैत बहरीन ओमान कतर आदि मुस्लिम देशों में भी संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत भाषा का व्यापक प्रसार हुआ है।

-80 लाख लोगों को संस्कृत भाषा सीखा

वक्ताओं ने कहा पिछले 25 वर्षों में विभिन्न देशों में लगभग 80 लाख लोगों को संस्कृत भाषा संस्कृत भारती द्वारा सिखाई जा चुकी है । चलचित्र के माध्यम से स्वीडन निवासी आनंदा हिमानी ने बताया कि ऊँकार जाप सुनकर जीवन में परिवर्तन आया और वहीं से संस्कृत भाषा सीखने की इच्छा हुई। आज अच्छे से संस्कृत बोल लेती हूं। पूर्व कुलपति डॉक्टर उमेश शर्मा ने कहा कि हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत है और इसे हम अपनी आम बोलचाल में प्रयोग कर सीख सकते हैं। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि भाषा में मिलावट होने के कारण भाषा अपना स्वरूप खो देती है । इस कारण वर्तमान में भारत के उत्तर और दक्षिण प्रांत एक दूसरे की भाषा समझने में आज भी असहज महसूस करते हैं.घर-घर संस्कृत के प्रसार हेतु विषय पर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर शालिनी ने अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा ही नहीं सीखाता बल्कि संस्कार का सृजन करता है .कार्यक्रम का संचालन आचार्य गणेश, ने किया। समापन सत्र में प्रांत के संगठन मंत्री डॉ श्रवण कुमार, प्रांत के क्षेत्र मंत्री प्रोफेसर प्रकाश पांडे, महानगर मंत्री आचार्य बुधन ओझा ,कोष प्रमुख विजय कुमार सिंह , सहनगर मंत्री सुनील कुमार प्रधान ने अपनी बातें रखी। कार्यक्रम में डॉ ज्योत्सना, डा। रूबी कुमारी ,संस्कृत भारती के महानगर प्रचार प्रमुख हरिओम उत्तम आदि मौजूद रहे।