PATNA सरकार ने गाइड लाइन जारी की और पटना पुलिस ने सड़क पर बालू को लेकर कार्रवाई का नियम बना दिया। सरकार की सख्ती बाद पटना पुलिस के आला अफसरों ने आदेश जारी किया कि सड़क पर बालू रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया और मंगलवार को एक महिला टीचर की जान पुलिस वालों की मनमानी से चल गई। अगर पुलिस ने इसका कड़ाई के साथ पालन किया होता तो महिला की जान नहीं जाी। इस घटना को लेकर मुकामी पुलिस को कातिल बताया जा रहा है।

स्कूटी से गिरी तो ट्रैक्टर ने रौंदा

इंदू कुमारी की जान पटना के बेउर मोड़ के पास चली गई। वह मंगल को अपने पति आयकर के अधिवक्ता धीरेंद्र कुमार के साथ एयरपोर्ट जा रही थीं। उन्हें पुणे के लिए फ्लाइट पकड़नी थी। वह अपने घर जक्कनपुर के पायोनियर कॉलोनी से पति के साथ स्कूटी से निकलीं। धीरेंद्र स्कूटी ड्राइव कर रहे थे और इंद्र पीछे बैठी थीं। बेऊर मोड़ से ठीक पहले एनएच-30 पर किसी ने बालू का ढेर गिरा रखा था और स्कूटी जैसे ही बालू पर चढ़ी स्लिप होकर अनबैलेंस हो गई। रफ्तार तो तेज नहीं थी लेकिन स्कूटी के अनियंत्रित होने से दोनों सड़क पर गिर गए। इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे ट्रैक्टर ने इंदू को रौंद दिया।

पुलिस की मनमानी पर कब लगेगा अंकुश

पुलिस की मनमानी पर कब अंकुश लगेगा। सवाल यह है कि सरकार की सख्ती के बाद भी पुलिस के अफसर भी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं किया जाना बड़ा उलंघन है। पटनाइटस का कहना है कि अगर इस तहर की मनमानी की जाएगी तो इंदू की तरह कई निर्दोष लोगों की जान जाएगी।