अब बिहार के युवा नौकरी नहीं कारोबार करना चाहते हैं: नीतीश
ठग लोगों से सावधान रहने की जरूरत
हमलोग एक साथ पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। जब हम पहली बार एमपी बने तो हमारा रिटर्निंग अफसर यूके सिन्हा ही थे। किस परिस्थिति में कैसे काम किया जाता है, इसकी क्षमता इनमें है। एक माह बाद वे सेबी से रिटायर करने वाले हैं। मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं कि वे बिहार के लिए काम करें और अपने ऊपर जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि बिहार के लेाग अपने बचत के पैसे को या तो घर में रखना चाहते हैं या बैंक में रखते हैं। अन्य क्षेत्रों में पैसा लगाना ही नहीं चाहते। मैं चाहता हूं कि सिन्हा साहब म्यूच्युअल फंड सहित कई ऐसे सेक्टर हैं, जहां लोग अपने बचत की राशि लगा सकते हैं, उनमें जागृति लाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवाओं के उद्यमिता विकास एवं स्टार्टअप कैपिटल के लिए पांच सौ करोड़ रुपए का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जा रहा है। जहां युवाओं का पंजीकरण होगा और रोजगार के विभिन्न अवसरों से भी उन्हें अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में चल रही योजनाओं के साथ-साथ सात निश्चय को भी लागू किया जा रहा है। हमलोग निर्णय लेते हैं, साधन का प्रबंध करते हैं, इजक्यूट तो सेबी को ही करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे एंटरप्रेन्योर आगे बढ़ें, शुरुआती दौर में कठिनाई होगी। अगर वे एक बार उद्यम के लिए जुड़ जाएंगे तो काफी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ठग लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
घोटाला नहीं होने देना चाहते थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के उद्यमी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, जिसके कारण बिहार के किसानों के द्वारा मक्का की उपजाई गई तीन-तीन फसल को वे खरीद लेते हैं और मक्का को प्रोसेसिंग कर उच्च कीमत पर बिहार में ही बेच देते हैं। उन्होंने कहा कि जब हमने बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की थी तो उद्यमियों से कहा था कि बिहार में साइकिल यूनिट लगा लीजिए। उद्यमियों ने शर्त रखी थी कि सरकार साइकिल यूनिट से साइकिल खरीदें। हम खरीदकर बालिकाओं को साइकिल नहीं देना चाहते थे। हम साइकिल घोटाला नहीं होने देना चाहते थे। बालिकाओं को साइकिल की राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि बालकों को भी साइकिल दी जा रही है। नीतीश ने कहा कि भारत सरकार की नीति आयोग की ओर से जारी आंकड़ों में बिहार जीडीपी में पहले स्थान पर है। हमारे विरोधी कहते हैं कि सब कुछ खत्म हो गया। अगर सब कुछ खत्म हो गया तो हमारा जीडीपी कैसे बढ़ रहा है। हम तो अपना काम करते रहेंगे। ऐसे लोगों को पांच वर्षों तक छाती पीटनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सात निश्चय से उद्यमियों को काम करने की ऑपरच्यूनिटी बनेगी.
ठग लोगों से सावधान रहने की जरूरत
हमलोग एक साथ पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। जब हम पहली बार एमपी बने तो हमारा रिटर्निंग अफसर यूके सिन्हा ही थे। किस परिस्थिति में कैसे काम किया जाता है, इसकी क्षमता इनमें है। एक माह बाद वे सेबी से रिटायर करने वाले हैं। मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं कि वे बिहार के लिए काम करें और अपने ऊपर जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि बिहार के लेाग अपने बचत के पैसे को या तो घर में रखना चाहते हैं या बैंक में रखते हैं। अन्य क्षेत्रों में पैसा लगाना ही नहीं चाहते। मैं चाहता हूं कि सिन्हा साहब म्यूच्युअल फंड सहित कई ऐसे सेक्टर हैं, जहां लोग अपने बचत की राशि लगा सकते हैं, उनमें जागृति लाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवाओं के उद्यमिता विकास एवं स्टार्टअप कैपिटल के लिए पांच सौ करोड़ रुपए का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जा रहा है। जहां युवाओं का पंजीकरण होगा और रोजगार के विभिन्न अवसरों से भी उन्हें अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में चल रही योजनाओं के साथ-साथ सात निश्चय को भी लागू किया जा रहा है। हमलोग निर्णय लेते हैं, साधन का प्रबंध करते हैं, इजक्यूट तो सेबी को ही करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे एंटरप्रेन्योर आगे बढ़ें, शुरुआती दौर में कठिनाई होगी। अगर वे एक बार उद्यम के लिए जुड़ जाएंगे तो काफी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ठग लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
घोटाला नहीं होने देना चाहते थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के उद्यमी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, जिसके कारण बिहार के किसानों के द्वारा मक्का की उपजाई गई तीन-तीन फसल को वे खरीद लेते हैं और मक्का को प्रोसेसिंग कर उच्च कीमत पर बिहार में ही बेच देते हैं। उन्होंने कहा कि जब हमने बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की थी तो उद्यमियों से कहा था कि बिहार में साइकिल यूनिट लगा लीजिए। उद्यमियों ने शर्त रखी थी कि सरकार साइकिल यूनिट से साइकिल खरीदें। हम खरीदकर बालिकाओं को साइकिल नहीं देना चाहते थे। हम साइकिल घोटाला नहीं होने देना चाहते थे। बालिकाओं को साइकिल की राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि बालकों को भी साइकिल दी जा रही है। नीतीश ने कहा कि भारत सरकार की नीति आयोग की ओर से जारी आंकड़ों में बिहार जीडीपी में पहले स्थान पर है। हमारे विरोधी कहते हैं कि सब कुछ खत्म हो गया। अगर सब कुछ खत्म हो गया तो हमारा जीडीपी कैसे बढ़ रहा है। हम तो अपना काम करते रहेंगे। ऐसे लोगों को पांच वर्षों तक छाती पीटनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सात निश्चय से उद्यमियों को काम करने की ऑपरच्यूनिटी बनेगी।
बड़ा अमाउंट बाहर जा रहा: सिद्दिकी
वित्त मंत्री अदुलबारी सिद्दकी ने कहा कि सेबी के अध्यक्ष यूके सिन्हा बिहारी होने का दायित्व का निवर्हन सेबी का पटना स्थित स्थानीय कार्यालय को खोलकर किया है। बिहार जो एग्रोबेस राज्य है, जहां लघु एवं निम्न किसान की संख्या ज्यादा हैं। सेबी को उन्हें मार्केट से जोड़कर इनवेस्टर के रूप में प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी है। बिहार के बैंकों का एक बड़ा अमाउंट बिहार से बाहर जा रहा है। बिहार के बैंक बिहार से बाहर अपने सामाजिक एवं विकासात्मक दायित्व को बिहार से ज्यादा निभाते हैं। बिहार में लोगों को निवेश करने की भावना आई है। बिहार जैसे राज्य में सेबी की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है। आईबीसीए के चेयरमैन संजय नायर, उद्यमी हर्षद ठक्कर, उद्यमी शिवश्ंकर लातुर, उद्यमी राज शर्मा ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी आशीष कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सेबी के कार्यकारी निदेशक आर के पद्मनाभन ने किया.
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