- पीएमईजीपी के बेहतर क्रियान्वयन पर राज्यस्तरीय वर्कशाप ऑर्गनाइज

- वर्कशाप में उद्यमियों ने रखीं अपनी समस्याएं

PATNA: प्रधानमंत्री एम्पलाइमेंट गारंटी प्रोग्राम (पीएमईजीपी) का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देना है, पर रोजगार की आस में ऐसे कई हैं जिन्हें समय पर लोन नहीं मिल पाता। इसी को ध्यान में रखकर स्टेट लेवल पर वर्कशॉप बीआईए ऑडिटोरियम में आर्गनाइज किया गया। इस मौके पर खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के राज्य निदेशक आरएस पाण्डेय ने बताया कि पीएमईजीपी देश की सबसे बड़ी रोजगारन्मुखी योजना है। इसके तहत क्भ्-फ्भ् प्रतिशत तक अनुदान देकर बैंक के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने का प्रक्रिया चालू कर दी गई है।

सुझाए गए कई उपाय

वर्कशाप के दौरान स्कीम से जुडे़ विभिन्न उद्यमियों की समस्याएं बैंक के प्रबंधकों ने सुनी। लोगों ने इसकी कमियों पर ध्यान आकृष्ट कराया तो जबाव में उन्हें कई उपाय भी सुझाए। केवीआईसी के स्टेट डायरेक्टर आरएस पांडे ने एक सवाल के जबाव में कहा कि पीएमईजीपी योजना के तहत लोन की सीमा को बढ़ाने की बाध्यता नहीं है। जानकारी हो कि केवीआईबी, केवीआईसी और डीआईसी -ये तीनों शामिल हैं लोन प्रॉसेस में। इसके साथ ही मौके पर बैंक के एलडीएम ने भी अपनी बात रखी। वर्कशॉप में उद्यमियों ने यूनिटों को पैसे नहंी मिलने, देरी होने आदि की शिकायतें भी मिली। इस पर बैंक के मैनेजर्स ने सभी की बातों को गौर किया।

ब्ख्ख्भ् इकाईयों की स्थापना का है लक्ष्य

खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के डायरेक्टर आरएस पंाडे ने बताया कि वर्ष ख्0क्भ् -क्म् के लिए बिहार प्रदेश का लक्ष्य ब्ख्ख्भ् इकाईयों की स्थापना हेतु अनुदान में 90.7ख् करोड की स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसका प्रशिक्षण समकक्ष होना चाहिए। मौके पर आरबीआई के जीएम स्वरूप सिंह, केवीआईसी डायरेक्टर आरएस पांडे, एसबीआई के एसएलबीसी पी। नारायनन और खादी बोर्ड के सीओ बी प्रसाद व अन्य मौजूद थे।