- नवें गुरु तेग बहादुर के शहीदी पर्व पर सजा दीवान, पंगत में बैठ संगतों ने छके लंगर

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PATNA (19 Dec):

सिख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर के 345वें शहीदी पर्व पर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में रविवार को भजन-कीर्तन का दौर जारी रहा। अमृतसर, जालंधर, हरियाणा, पानीपत, दिल्ली, महाराष्ट्र, कानपुर से पहुंचे अखंड कीर्तनी जत्थों ने भजन-कीर्तन कर संगतों को निहाल किया। कीर्तन दरबार में बीबी सिमरन कौर के साथ आए अखंड कीर्तनी जत्थों ने सुबह से दोपहर तक कीर्तन में सम्मिलित होकर संगतों को निहाल किया।

अखंड पाठ का हुआ समापन

तख्त श्री हरिमंदिर के दरबार साहिब में चार बजे भोर से दो बजे दोपहर तक कीर्तन होता रहा। वहीं नौ बजे से 12 बजे तक अखंड की‌र्त्तनी जत्था द्वारा कीर्तन चौकी बिलावल का कार्यक्रम चलता रहा। वहीं तीन दिनों से वरीय मीत ग्रंथी भाई बलदेव सिंह की देखरेख में जारी अखंड पाठ की समाप्ति दोपहर 12 से 12:30 बजे के बीच हुई।

अनोखी थी गुरु तेग की तलबारबाजी

तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने बताया कि त्यागमल यानी श्री गुरु तेग बहादुर सिखों के छठे गुरु हरि गो¨वद साहिब तथा माता नानकी के पांच पुत्रों में सबसे छोटे थे। छठे गुरु हरिगो¨वद साहिब ने मुगलों के संग चार युद्ध किए। आठवें गुरु हरिकिशन सिंह ने शरीर त्याग करने के दौरान नवें गुरु तेग बहादुर को गद्दी सौंपी। तीसरे धर्मयुद्ध में नवें गुरु तेग बहादुर ने अनोखी तलवारबाजी किया। दरबार साहिब में बीबी सिमरण कौर ने कीर्तन प्रस्तुत किया। विशेष दीवान में प्रो। लालमोहर उपाध्याय द्वारा लिखित लिफलेट श्री गुरु तेग बहादुर की वाणी में राम नाम की महिमा का विमोचन महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन तथा सृष्टि के चादर का विमोचन जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने किया। विशेष दीवान के बाद संगतों ने पंगत में बैठकर लंगर छके। शाम में अखंड कीर्तनी जत्था द्वारा रैन सवाई कीर्तन किया गया।

1675 में हुए शहीद

नवें गुरु देश की यात्रा के दौरान जब आसोम से लौटे तो पटना साहिब स्थित नवाब करीम बक्श-रहीम बक्श के सूखे बाग में दशमेश गुरु गो¨वद सिंह को पहली बार देखा। नवें गुरु के चरण पड़ते ही बाग हरा-भरा हो गया। दोनों भाइयों नवाब करीम बक्श-रहीम बक्श ने यह बाग गुरु के नाम कर दिया। तब से उस बाग को लोग गुरु का बाग के नाम से ही जानने लगे। 1675 में गुरु जी को चांदनी चौक पर शहीद कर दिया गया। विशेष दीवान में प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, सचिव महेंद्र सिंह छाबड़ा, समाजसेवी सरदार दर्शन सिंह, प्रेम सिंह, तेजेंद्र बग्गा, इंद्रजीत सिंह बग्गा, रणजीत सिंह, जगजीत सिंह, अधीक्षक दलजीत सिंह व महाकांत राय समेत अन्य थे।