PATNA : दीघा में मौत के घाट उतारे गए डा। मो। अफजल मर्डर केस का पटना पुलिस ने रविवार को खुलासा कर दिया। साथ ही गिरफ्तार अपराधी शंभू राय को भी सामने लाई। पुलिस ने साफ किया कि डॉक्टर की हत्या उनके ही एक किराएदार ने की है। किराएदार मो। मंसूर का म् महीने से अफजल के साथ विवाद चल रहा था। कई महीने से उसने किराया नहीं दिया था। इस कारण डॉक्टर ने मंसूर की दुकान में ताला जड़ दिया था, जिसे करीब एक महीने पहले खोल दिया था। लेकिन किराएदार ने डॉक्टर को सबक सिखाने की ठान रखी थी।

- कब्जा करने के चक्कर में था मंसूर

दीघा में जिस जगह पर डॉक्टर अफजल नर्सिग होम चला रहे थे, वहां 8-क्0 दुकानें भी हैं। तीन साल पहले मंसूर ने टीवी मेकेनिक के रूप में काम शुरू किया। उसने वहां दुकान किराए पर ली थी। पुलिस की जांच में मामला किराए का विवाद ही सामने आया है। लेकिन सोर्स सोर्स की मानें तो डॉ। को अकेला देख मंसूर की नीयत बदल गई थी। उसने दुकान सहित वहां की पूरी संपत्ति को हथियाने की ठान रखी थी।

- रह चुका है अपराधी

हालांकि पुलिस ने संपत्ति की विवाद से इनकार किया है। लेकिन एक चौंकाने वाली बात जरूर सामने आई है। पुलिस की मानें तो किराएदार पुराना अपराधी है। उसके पुराने रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। चूंकि अब तक की जांच में अफजल की हत्या मामले में उसके शामिल होने की बात सामने आई है।

- बाकी के तीन कौन हैं

9 सितंबर की देर शाम दीघा में चार अपराधियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। ये बात तो सभी जानते हैं। इनमें से एक शंभू राय को पुलिस ने सामने ला दिया है लेनिक तीन अन्य अपराधियों का नाम नहीं बताया है। सोर्स की मानें तो वारदात में शंभू के साथ किराएदार मो। मंसूर, मनोज और सोनू नाम के अपराधी भी शामिल थे। मंसूर ने ही इन सब के साथ गेम प्लान किया था।

- होगा स्पीडी ट्रायल

मामले की जांच कर रहे एसआईटी के इंचार्ज व सिटी एसपी पटना सेंट्रल ने साफ किया कि हत्या में शामिल अन्य अपराधियों की पहचान कर ली गई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। वारदात स्थल पर सीसीटीवी नहीं है। लेकिन आगे-पीछे के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया है। पटना पुलिस इस मामले का स्पीडी ट्रायल कराएगी।

हत्या का मूल कारण आपसी विवाद है। गिरफ्तार शंभू ने अपने साथियों का नाम बताया है। जिनकी तलाश में छापेमारी जारी है।

नैयर हसनैन खां, आईजी, पटना जोन