PATNA: बिहार में ऑनलाइन एफआईआर की क्या बात करें जब थाना ही ऑफलाइन है। अधिकारियों की लापरवाही कहें या फिर तकनीकी बाधा। केंद्र सरकार की अहम योजना ठंडे बस्ते में है। बिहार में पीछे चल रहे इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के

सचिव (सुरक्षा) एआर किन्नी ने चिंता व्यक्त की है। बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी एआर किन्नी मंगलवार को म्भ्वीं अखिल भारतीय पुलिस कुश्ती (क्लस्टर) प्रतियोगिता के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

- सीसीटीएनएस के फायदे

मंगलवार को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) से बिहार के किसी भी थाने के नहीं जुड़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए किन्नी ने कहा कि यह एक ऐसा नेटवर्किंग सिस्टम है। जिससे किसी भी व्यक्ति की पहचान महज 89 सेकंड में की जा सकती है। बिहार में कुल क्0भ्7 थाने हैं। सीसीटीएनएस के तहत राज्य के सभी थानों को एक नेटवर्किंग से जोड़ने की योजना केंद्र सरकार की है जिसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य को शत-प्रतिशत राशि उपलब्ध कराई है। बिहार में इस राशि का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार सीसीटीएनएस से केवल देश के सभी थानों को ही नहीं, बल्कि जेल, अदालत, एफएसएल और फिंगर प्रिंट रिकॉर्ड ब्यूरो को भी जोड़ने की कवायद कर रही है।

इस मौके पर आइबी (आसूचना ब्यूरो) के अपर निदेशक आलोक प्रभाकर, डीजी होमगार्ड पीएन राय, डीजी निगरानी ब्यूरो रविंद्र कुमार, डीजी (ट्रेनिंग) केएस द्विवेदी, डीजी सह प्रबंध निदेशक बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम एके उपाध्याय व एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार समेत सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। डीजीपी पीके ठाकुर सीएम की निश्चय यात्रा के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।